चंदौली। नगर स्थित बहुचर्चित केजी नंदा अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। बुधवार की रात कोतवाली में हुई हंगामे की घटना को लेकर अस्पताल संचालक डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी समेत 13 नामजद और 150 अज्ञात पर कोतवाली पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। उक्त प्रकरण की तहरीर चंदौली कस्बा पुलिस चौकी इंचार्ज देवेंद्र प्रताप सिंह ने दिया, जिस पर पुलिस ने थाने में हंगामा करने समेत सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने जैसे धाराओं में मुकदमा लिखा है। इसके साथ ही चिकित्सक डा. आनंद प्रकाश तिवारी व उनके समर्थकों की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।चंदौली पुलिस चौकी इंचार्ज देवेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दी गई तहरीर के अनुसार, राज्य महिला आयोग की सदस्य का भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित था। इस दौरान महिला आयोग की सदस्य ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय का निरीक्षण किया और महिलाओं से जनसंपर्क कर उनकी समस्याओं के निस्तारण का प्रयास किया। इसी बीच सूचना मिली कि केजी नंदा हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित हैं। महिलाओं की समस्याएं जानने के उद्देश्य से आयोग की सदस्य पुलिस बल के साथ हॉस्पिटल पहुंची। वहां बातचीत के दौरान हॉस्पिटल के प्रबंधक डा.आनंद प्रकाश तिवारी एवं उनके सहयोगियों द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं दिया गया, जिस कारण महिलाओं से पूरी जानकारी प्राप्त किए बिना ही आयोग की सदस्य को वापस लौटना पड़ा। इसके पश्चात प्रबंधक आनंद प्रकाश तिवारी, उनके सहयोगी शिवेन्द्र तिवारी सहित भुलाई तिवारी, अमन तिवारी, प्रदीप मिश्रा, अजीत कुमार पाण्डेय, सतीश मिश्रा, सतेन्द्र यादव, छोटू प्रजापति, मिंटू पाण्डेय, वीर यादव, प्रमोद (ड्राइवर), ज्ञान तिवारी, अलख तिवारी तथा लगभग 150 महिला-पुरुष सहयोगियों के साथ शाम करीब 8 बजे थाना परिसर पहुंचे। आरोप है कि इन लोगों ने मरीजों को गुमराह कर, पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए थाना परिसर में दाखिल हुए और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की। साथ ही शांति व्यवस्था भंग करने की नियत से बल प्रयोग का प्रयास किया। गाली-गलौज, धक्का-मुक्की की और थाना परिसर में सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई। करीब तीन घंटे तक थाना का कार्य पूर्ण रूप से बाधित रहा, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया।

