चंदौली जिला न्यायालय एवं मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति ने जिला एवं न्यायालय निर्माण को लेकर 115वें दिन भी आंदोलन को जारी रहा। सदर तहसील में अधिवक्ताओं द्वारा राष्ट्रगान के साथ आंदोलन का आगाज किया गया। आंदोलन में बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल होकर आंदोलन को मजबूती प्रदान करते दिखे।
इस दौरान अधिवक्ता मुन्ना विश्वकर्मा ने कहा कि चंदौली देश का पहला जनपद है। जहां जिले के सृजन के 27 वर्ष बाद भी विकास कोसों दूर है। जबकि इसके साथ के बने सारे जिले अपने पूर्ण अस्तित्व को प्राप्त कर चुके हैं। अब तक की जितनी भी सरकारें यूपी की सत्ता में सभी ने चंदौली के सौतेला व्यवहार किया है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवधेश सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को यह सोचने की जरूरत है। कि यही चंदौली की जनता ने अपने मत को लेकर जीत दिलाई है। जिसकी वजह से नेता आज सत्ता का सुख भोग रहे हैं। लेकिन जनता के हाथ आज भी खाली हैं। क्योंकि ये जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों के प्रति उदासीन हैं। अधिवक्ता दिनेश ने कहा कि हम सभी अधिवक्ता हैं और यह लड़ाई अधिवक्ता अपने किसी निजी स्वार्थ के लिए नहीं लड़ रहा है। और ना ही चंदौली के मुद्दे पर अधिवक्ताओं को राजनीति ही करनी है। हम सभी चंदौली के गरीब व मजलूम को न्याय दिलाने के लिए लड़ने का काम करते हैं। आज हम सभी को यह आभास हो रहा है। अधिवक्ता मदन ने कहा कि जैसे-जैसे आंदोलन निरंतर आगे बढ़ रहा है और स्वतः सशक्त होता जा रहा है। इसे तोड़ने की सभी साजिशें अब तक नाकाम साबित हुई हैं। इस अवसर पर प्रवीण तिवारी, जितेंद्र बहादुर सिंह, अनिल कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमार बिंद, आरएन विश्वकर्मा, प्रभात कुमार सिंह, संदीप सिंह, उज्ज्वल सिंह, रितिक रोशन सिंह, प्रियंका श्रीवास्तव, अमित कुमार, मनोज आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता झन्मेजय सिंह व संचालन धनंजय सिंह ने किया।