चंदौली। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने सोमवार को मुख्यालय स्थित कार्यालय बैठक किया। जिसमें कम बच्चों वाले स्कूल को दूसरे स्कूल में समाहित किए जाने को लेकर विरोध प्रकट किया। साथ ही निर्णय लिया कि 27 जून को शिक्षक प्रदेश के सभी बीआरसी पर इसके विरोध में खंड शिक्षा अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम से संबोधित ज्ञापन सौपेंगे।
इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि शासन की इस निर्णय से प्रदेश के 27000 हजार परिषदीय विद्यालय अपना अस्तित्व खो देंगे आरटीई एक्ट भाग-3, धारा-4 में स्पष्ट लिखा है कि एक किलोमीटर की सीमा में विद्यालय होना आवश्यक है। इसे किसी शासनादेश के माध्यम से अतिक्रमित नहीं किया जा सकता। आरटीई एक्ट में परिवर्तन करे बिना हर एक किमी पर स्कूल की अवधारणा में परिवर्तन संभव नहीं है। एक्ट में परिवर्तन शासन के आदेश से नहीं बल्कि विधायिका के द्वारा ही संभव है। इससे विद्यालयों में छात्रों की संख्या और कमी आएगी। प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के पद न के बराबर रह जाएंगे। साथ ही धीरे धीरे बेसिक शिक्षक समाप्ति की ओर अग्रसर होगा। एक तरह से विभाग द्वारा बेसिक शिक्षक वर्ग को समाप्त करने की साजिश है। कहा कि उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक उत्तर प्रदेश प्रदेश के लाखों बेसिक शिक्षकों की भावनाओं तथा गरीब बच्चों की शिक्षा को दृष्टिगत रखते हुए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा जारी आदेश को निरस्त करने की मांग करेगा, अन्यथा संगठन छात्र एवं शिक्षक हित में मर्जर के विरोध में व्यापक शांतिपूर्ण आंदोलन 5 जुलाई से पूरे प्रदेश में अनवरत आदेश वापसी तक जारी रखेगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, महामंत्री संजय कुमार सिंह, सदानंद दुबे, विकास सिंह, भूपेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, दीपक सिंह, महेंद्र प्रसाद मौर्य, आदि मौजूद रहें।