चंदौली। जनपद एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने हत्या के 26 साल पुराने मामले की सुनवाई की। इस दौरान जिला जज सुनील कुमार चतुर्थ ने आरोप सिद्ध होने पर तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनायी। वहीं 15-15 हजार रुपया जुर्माना लगाया। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम अवध यादव व राजेन्द्र कुमार पांडेय ने तर्क प्रस्तुत किया।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि चकिया थाना क्षेत्र के रामपुर कला निवासी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या अवैध संबंधों को लेकर कर दी गई थी। इसमें सर्फराजी देवी पत्नी सुक्खू, सुक्खू पुत्र सुक्खन व बेचू बियार आरोपित थे। उनके खिलाफ धारा 302 के तहत मृतक के पट्टीदार दिवाकर सिंह ने 26 सितंबर 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बताया कि राम अनन्त सिंह का अवैध सम्बन्ध सुक्खू की पत्नी समराजी उर्फ सर्फराजी से था। इसके चलते समराजी उर्फ सर्फराजी बच्चों सहित अपने मायके में ही रह रही थी। समराजी से अवैध संबंध के चलते उसके पति सुक्खू व समराजी का भाई बेचू रंज मानते रहे। इसके चलते 25 सितंबर 1996 को दोपहर लगभग 2 बजे आरोपितों ने राम अनन्त की हत्या उन्हीं के घर में कर दिया। शोरगुल की आवाज पर पट्टीदार जब राम अनन्त के घर के समीप पहुंचा। तब आरोपितों को मृतक के घर से अस्त व्यस्त हालत में निकलकर भागते हुए देखा। उसके शोर मचाने पर गांव के बहुत से लोग जुट गए। अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ था। वहीं राम अनन्त की लाश गोइठा के नीचे दबाया गया था। आरोपितों की नीयत लाश को फूंकने की थी। मौके पर असलहा भी पड़ा हुआ था। इसपर पट्टीदार ने घटना की सूचना राम अनन्त उर्फ कवि के ससुराल मौजा पिपरिया में दिया। रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही करने की प्रार्थना की गयी। अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने एवं साक्ष्यों के अवलोकन करने के बाद जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार (चतुर्थ) ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं प्रत्येक को 15-15 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया। अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 6 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।