इलिया। नवरात्र के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं की आस्था में अवरोध पैदा हो गया है। चकिया-इलिया मार्ग पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाए जा रहे प्रवेश द्वार के चलते बिना किसी पूर्व सूचना के पूरे कस्बे का मुख्य मार्ग बंद कर दिया गया। अचानक लिए गए इस फैसले ने ग्रामीणों, श्रद्धालुओं, दुकानदारों, वाहन चालकों और राहगीरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। छह माह से केवल पिलर खड़े करने के बाद अचानक पूरे रास्ते को रोक देने से कस्बे में अफरातफरी का माहौल है।
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग को चाहिए था कि पहले वैकल्पिक मार्ग तैयार कराया जाता और तभी मुख्य मार्ग को बंद किया जाता। लेकिन अचानक रोक लगाने से त्योहार के समय महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, छात्र-छात्राएं और यात्री सभी मुसीबत में हैं। इलिया निवासी रामबचन यादव ने कहा, गेट अगर बनना ही था तो सीमा पर बनना चाहिए था। कस्बे के बीच सड़क बंद करने से सिर्फ परेशानी होगी, फायदा किसी को नहीं मिलेगा। ग्रामीण शिव कुमार पांडेय, मुन्ना यादव, भुट्टू खान राजेश ने आरोप लगाया, नवरात्र जैसे अवसर पर मार्ग रोकना श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ है। यह प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही है कि बिना वैकल्पिक रास्ते का इंतजाम किए पूरे मार्ग को बंद कर दिया गया। वहीं राहगीरों ने बताया कि हाटा, चौनपुर, भभुआ, चकिया, अहरौरा व वाराणसी की ओर जाने के लिए अब कस्बे से सीधे वाहन नहीं मिल रहे। लोगों को लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर सड़क पार करनी पड़ रही है, तब कहीं जाकर साधन मिलते हैं। वहीं, जो गाड़ियां कस्बे में मिल भी रही हैं, वे लंबा चक्कर काटकर जा रही हैं और इसी बहाने मनमाना किराया वसूल कर रही हैं। दिनेश चौहान ने कहा हम लोग वाराणसी ट्रांसपोर्ट का माल लेकर आते हैं लेकिन रास्ता बंद होने से गाड़ी घुमा कर आते और घंटों खड़ी रहती है। पेट्रोल-डीजल की बर्बादी तो अलग है ही, समय पर सामान पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है। थानाध्यक्ष इलिया अरुण प्रताप सिंह ने बताया, गेट निर्माण कार्य के चलते अस्थायी रूप से मार्ग बंद किया गया है। श्रद्धालुओं और राहगीरों की असुविधा को देखते हुए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जा रही है। पुलिस प्रशासन लोगों की सुरक्षा और सुविधा दोनों पर ध्यान दे रहा है।
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दुकानदारों व भक्तों को परेशानी
इलिया। दुकानदार राजेश गुप्ता व पिन्टू गुप्ता ने कहा की नवरात्र के समय बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी होती है। लेकिन अब ग्राहक दुकान तक पहुंच ही नहीं पा रहे। इससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। त्योहार के सीजन में दुकान पर भीड़ की उम्मीद रहती है। लेकिन रास्ता बंद होने से दुकानें सूनी पड़ी हैं। यह व्यापार को चौपट करने जैसा है। वही स्थानीय छात्रा कविता सिंह ने बताया रोज कोचिंग के लिए चकिया जाना पड़ता है। लेकिन अब रास्ता बंद होने से घंटों का समय बर्बाद हो रहा है। कई बार देर से पहुंचने पर पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ता है। रिया माता व शुष्मा केशरी ने कहा की दर्शन-पुजन के लिए घर से निकलना दूभर हो गया है। महिलाएं और बच्चे गली-गली से होकर मंदिर तक पहुंच रहे हैं। त्योहार का मजा अब परेशानी में बदल गया है।