चकिया। कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर गांव में पारिवारिक कलह से उबकर 30 वर्षीय रेहाना ने फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी ईह लीला समाप्त कर ली। रेहाना स्वास्थ्य विभाग में आशा के पद पर कार्यरत थी। पति रसीद गांव में ही सैलून का दुकान खोलकर बाल बनाने का काम करता है। रसीद पत्नी और अपने दो पुत्रों के साथ पिता हफीजुल्ला से पिछले चार माह से अलग रहता था। हफीजुल्ला के चार पुत्रों में रसीद दूसरे नंबर का था। रसीद से उसकी पत्नी का किसी बात को लेकर काफी कहा सुनी भी हुई थी। रसीद दुकान खोलने चला गया तो रेहाना ने घर में रहे दोनों पुत्रों को पैसे देकर बाहर कुछ सामान खरीदने के लिए बाजार भेज दिया। और घर में रस्सी के सहारे अपने टिन सेड में लगे बांस की करी में रस्सी का फंदा लगाकर झूलकर अपनी जान दे दी। बाजार से वापस आए पुत्र आशीन 8 वर्ष, असगर 6 वर्ष ने देखा कि मां गले में रस्सी लगाकर लटकी हुई है
तो वह दौड़कर पिता रसीद को घटना की जानकारी दी। जिस पर रसीद मौके पर आकर रस्सी को काटकर पत्नी रेहाना को बचाने का प्रयास किया मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस क्षेत्राधिकारी आशुतोष त्रिपाठी तथा चौकी प्रभारी दुर्गा दत्त यादव मौके पर पहुंच गए और शव को कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया। सीओ आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि रेहाना की मौत के कारणों का पता पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा।