नौगढ़। चकरघट्टा थाना क्षेत्र के ग्राम बैरगाढ़ गांव निवासी 42 वर्षीय संतलाल यादव की शनिवार की सुबह सर्पदंश से मौत हो गई। मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करने वाले संतलाल की आकस्मिक मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। परिजनों के रोने-बिलखने से गांव का माहौल गमगीन हो गया। ग्रामीण भी घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचकर शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाते रहे।
जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह संतलाल यादव अपने घर में रखी हुई उपलियां (गोबर से बनी लकड़ी जैसी ईंधन सामग्री) निकाल रहे थे। इसी दौरान किसी जहरीले सांप ने उन्हें डंस लिया। अचानक हुए इस हादसे से वह तड़पने लगे। परिवार के लोगों ने तत्काल स्थानीय झाड़-फूंक करने वालों के पास ले गए। काफी देर तक झाड़-फूंक कराने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। स्थिति गंभीर देखते हुए परिजनों ने आनन-फानन में संतलाल को जनपद सोनभद्र के वैनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने उनकी हालत बिगड़ती देख तुरंत रेफर दिया। इसके बाद परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, अगर समय रहते उचित उपचार मिलता तो उनकी जान बच सकती थी। मृतक संतलाल यादव का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। वह मेहनत-मजदूरी करके किसी तरह परिवार का पालन-पोषण करता था। जिसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी कौशिल्या व बच्चों अंजली अंजू नित्यम व शिवगंगे का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आज भी सर्पदंश जैसी घटनाओं के बाद लोग सबसे पहले झाड़-फूंक कराने की ओर भागते हैं। यही वजह है कि कई बार समय पर उचित इलाज न मिलने से पीड़ित की जान चली जाती है। संतलाल के मामले में भी ऐसा ही हुआ। अगर सीधे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया होता तो उनकी जान बच सकती थी। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे बैरगाढ़ गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के लोग विलाप कर रहे हैं। संतलाल की पत्नी व छोटे-छोटे बच्चों की हालत देख लोगों की आंखें नम हो गईं। ग्रामीणों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से परिवार को तत्काल आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की मांग किया है। प्रभारी निरीक्षक दयाराम गौतम ने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है।