नियमताबाद। भारतमाला एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण को लेकर धरना शनिवार को समाप्त होने के बाद सोमवार को एसडीएम व सीओ के देखरेख में भारी फोर्स और तहसील प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीन से लगभग एक दर्जन घरों को जमींदोज किया गया। इस दौरान मकान स्वामी अपने सामानों को बाहर रखकर ठंड में अपने परिवार के बचाव के लिए जगह तलाश करने में जुट गए। हालांकि अभी तक प्रशासन द्वारा पुनर्वास नहीं दिए जाने से बेघर हुए ग्रामीणों को तमाम समस्याओं का दंश झेलना पड़ रहा है।
भारतमाला एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत काफी लंबे समय से रेवसा बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में पुनर्वास व उचित मुआवजा आदि को लेकर लंबे समय से ग्रामीण धरना प्रदर्शन के अलावा क्रमिक भूख हड़ताल तक किया। लेकिन शनिवार को एसडीएम के आश्वासन के बाद क्रमिक भूख हड़ताल ग्रामीणों ने समाप्त कर दिया। इसके बाद सोमवार को एसडीएम अनुपम मिश्रा और सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा के नेतृत्व भारी पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन द्वारा लगभग एक दर्जन घरों को जमीनदोज कर दिया गया। इस दौरान ग्रामीण अपने घरों के सामान बाहर खुले में रख दिया। इसके साथ ही अभी तक पुनर्वास नहीं मिलने से रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है। वही गांव के डॉक्टर कैलाश को अभी तक मात्र एक लाख 90 हजार रुपया मकान का मुआवजा दिया गया है। इनको आश्वासन दिया गया था उचित मुआवजा दिए बिना मकान नहीं गिराया जाएगा। लेकिन जिस पर नोटिस चश्पा हुआ था और मुआवजा मिला था। उनके साथ इनका भी मकान गिरा दिया गया। इसको लेकर ग्रामीणों में असंतोष की स्थिति भी बनी हुई है। इस संबंध में एसडीएम अनुपम मिश्रा ने बताया कि जिनका मुआवजा दिया गया है उनका ही घर गिराने का काम और अतिक्रमण हटाने का काम किया गया है।

