चंदौली। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश पारितोष श्रेष्ठ की अदालत ने सोमवार को शौचालय निर्माण के लिए जारी सरकारी धनराशि गबन के मामले में आरोपित टांडाकला के ग्राम प्रधान अमरेश कुमार मौर्य की जमानत याचिका खारिज कर दिया। साथ ही ग्राम प्रधान को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। उक्त प्रधान पर कुल 4.70 लाख रुपये की सरकारी धनराशि अपने निजी खाते में स्थानांतरित कर गबन करने का गंभीर आरोप है।
विकास खंड के ग्राम पंचायत टांडाकला में स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2020-21 में 48 शौचालयों की मांग के सापेक्ष 43 लाभार्थियों के लिए 12 हजार रुपये प्रति शौचालय की दर से कुल 5.16 लाख रुपये ग्राम निधि-6 के खाते में जारी किए गए थे। इसमें केवल 12 लाभार्थियों को ही राशि दी गई। जबकि शेष 31 लाभार्थियों की धनराशि एवं खाते में प्राप्त 98 हजार रुपये ब्याज मिलाकर कुल 4.70 लाख रुपये का कथित रूप से दुरुपयोग किया गया। इस मामले में वाद दाखिल कर हरेराम तिवारी ने आरोप लगाया था कि ग्राम प्रधान अमरेश मौर्य एवं तत्कालीन सचिव नित्यानंद सिंह ने मिलकर उक्त धनराशि में हेराफेरी कर अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिया है। मामले में पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर न्यायालय में 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। इस प्रकरण में अभियुक्त की ओर से जमानत के लिए दायर याचिका में तर्क दिया गया कि सभी राशि बाद में ग्राम निधि में वापस कर दी गई है। उनका उद्देश्य गबन करने का नहीं था। कहा कि शिकायतकर्ता ने उन्हें व्यक्तिगत रंजिश के तहत फंसाया है। एडीजीसी (क्रिमिनल) और वादी के अधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद से उनकी अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत जमानत याचिका में पर्याप्त आधार नहीं पाए जाने पर उसे खारिज कर दिया। साथ ही न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया।