शहाबगंज। विकास खंड कार्यालय के समीप अतायस्तगंज गांव स्थित नाले पर बना सायफन हाल ही में धंस गया है। जिससे न केवल आवागमन बाधित हो रहा है बल्कि किसानों की सिंचाई व्यवस्था पर भी संकट मंडरा रहा है। यह सायफन वर्षों से ग्रामीणों के लिए एकमात्र संपर्क मार्ग का काम भी करता आ रहा था। साथ ही नाले के आर-पार खेतों में पानी पहुँचाने के लिए एक मात्र साधन भी था। अब इसके धंसने से जहां आमजन की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। वहीं सैकड़ों बीघा फसलें सूखने की कगार पर हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, इस सायफन की स्थिति पिछले कुछ वर्षों से जर्जर हो रही थी। लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इसे नजरअंदाज किया गया। हाल ही में भारी वर्षा के बाद सायफन बीच में अचानक धंस गया। जिससे वहां बड़ी दरारें पड़ गई हैं। और उसका उपयोग करना अब जानलेवा हो चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिसमें जान-माल की हानि होने की पूरी संभावना है। नाले के दोनों ओर की जमीन पर धान और सब्जियों की खेती होती है। जिसे नियमित पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन सायफन के क्षतिग्रस्त होने के कारण अब खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान अरविंद मिश्रा,उपेंद्र मिश्रा और गुंजन मौर्या,अंकित मिश्र, योगेन्द्र मौर्य ने संयुक्त रूप से जिलाधिकारी से मांग की है कि सायफन की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो ना सिर्फ किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा बल्कि ग्रामीणों की जान को भी खतरा बना रहेगा। उन्होंने प्रशासन से स्थलीय निरीक्षण कर त्वरित कार्रवाही करने की अपील की है। इस सायफन के रास्ते बच्चे स्कूल जाते हैं। महिलाएं बाजार और खेतों तक पहुंचती हैं तथा आपात स्थिति में मरीजों को इसी रास्ते से अस्पताल ले जाया जाता है। रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। कुछ लोग जान जोखिम में डालकर रास्ते से आ जा रहे हैं जिससे हमेशा हादसा होने की संभावना बनी रहती है।