श्रमजीवी पुरुषोत्तम ब्रह्मपुत्र मेल के जनरल कोचों में यात्रा करने को मजबूर है यात्रि
डीडीयू नगर। गर्मी की छुट्टियों में रेलवे की ओर से कई स्पेशल ट्रेनें चलाई गई है। बावजूद इसके ट्रेनों में रिजर्वेशन के लिए यात्री परेशान हैं। विशेष कर मुंबई जाने वाली ट्रेनों में एक माह तक सीट उपलब्ध नहीं है। वहीं दिल्ली और मुंबई की ओर से आने वाली ट्रेनों में भी रिजर्वेशन न मिलने पर लोग जनरल कोच में यात्रा कर रहे हैं। वहीं बड़े पैमाने पर लोग जनरल टिकट लेकर स्लीपर और एसी कोच में सवार हो जा रहे हैं। ऐसे में स्थिति यह है कि जनरल ही नहीं स्लीपर और एसी कोच में भी यात्री ठूंसे पड़े हैं। विशेष कर श्रमजीवी एक्सप्रेस, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल आदि में यात्रियों की भीड़ को संभालने में जीआरपी और आरपीएफ को पसीने बहाने पड़ रहे हैं।
रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए तीस जोड़ी से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है। लेकिन अधिकतर ट्रेनें अपने समय से अत्यधिक देरी से चल रही है। ऐसे में अभी भी लोग नियमित ट्रेनों पर ही आवागमन के लिए भरोसा कर रहे हैं। वहीं ट्रेनों में आवागमन के लिए यात्रियों की भीड़ कम नहीं हो रही है। इसका असर ट्रेनों की भीड़ पर दिख रहा है। बुधवार को मुंबई जाने वाली ट्रेन की स्थिति देखने पर पता चला कि चार जुलाई तक किसी ट्रेन में सीट उपलब्ध नहीं है। चार जुलाई को पटना बांद्रा टर्मिनस में स्लीपर में सात ओर थर्ड एसी में दो नंबर वेटिंग है। वहीं पटना लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के स्लीपर में आठ, एसी में 31, रांची लोकमान्य तिलक टर्मिनस में स्लीपर में 19 और थर्ड एसी में 12, मुंबई मेल में स्लीपर में 18 जबकि थर्ड एसी में सात वेटिंग टिकट मिल रहा था। इसी तरह पाटलिपुत्र लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के स्लीपर में 13 जबकि थर्ड एसी में पांच, डिब्रूगढ़ लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के स्लीपर में 20 जबकि थर्ड एसी में 16 वेटिंग रहा। यही हाल दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता जाने वाली ट्रेनों का भी है। यह नहीं है कि सिर्फ जाने वाली ट्रेनों में बल्कि मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई, अहमदाबाद की ओर से आने वाली ट्रेनों की स्थिति भी दयनीय है। स्थिति यह है कि ट्रेन के पीडीडीयू जंक्शन पर पहुंचते ही सवार होने के लिए यात्रियों में मारामारी की स्थिति हो रही है। वहीं ट्रेनों के लेट होने के कारण लोग यात्री हाल में घंटों बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं।