चंदौली। कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ब्रांच कमेटी के नेतृत्व में सोमवार को कार्यकर्ताओं ने बिजली पवार हाउस गौरी फीडर पर ने धरना प्रदर्शन किया। और बिजली कानून संशोधन 2022 को वापस लेने के साथ वाराणसी व आगरा विद्युत वितरण निगम निजीकरण को वापस लेने के लिए 10 सूत्रीय मांग पत्र एसडीओ जीवनथपुर को सौंपा
इस दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम के राज्य कमेटी सदस्य कामरेड गुलाब चन्द ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिजली का निजीकरण कर के गरिबो के घर से उजाला भी छीनना चाहती है। वर्तमान सरकार में महंगाई और बेरोजगारी की वजह से कराह रही जनता बिजली बिल का अधिक भार झेल नहीं पाएगी। कहा कि बाबा साहब डा.भीमराव अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावनां में ही कहा था बिजली एक सामाजिक जरूर की चीज है। जिसे सरकार को बिना लाभ हानि के जनता को मुहैया करना है। लेकिन सरकार द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बिजली के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों की बड़ी कठिनाइयों का सामना करना होगा। किसान नेता सतीश चन्द ने कहा कि सरकार अपने वादे के मुताबिक 200 यूनिट बिजली फ्री करने से मुकर रही है। बिजली का निजीकरण करके किसानों के खेती की लागत को बढ़ाया जा रहा है। इस दौरान जोखू, बुद्धिराम, लालचंद, शकुन्तला देवी, शांति देवी, मिठाईलाल, चरणदास, कन्हैया, सहेंदर चौहान, मन्नू शर्मा, तिलकधारी, कालीचरण, नाथूराम, नरेंद्र, राकेश कुमार मौजूद रहें। अध्यक्षता कामरेड श्यामप्यारी देवी व संचालन कामरेड जालंधर ने किया।