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Saturday, August 2, 2025

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Chandauli:कृषि विज्ञान केंद्र में हुआ नैनो डीएपी का प्रदर्शन,मयंक सिंह ने विस्तार से दी जानकारी

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चंदौली। कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र रघुवंशी की अध्यक्षता में नैनो डीएपी का प्रदर्शन एवं गोष्ठी आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि इसके नैनो डीएपी के प्रयोग से मृदा स्वास्थ्य बना रहता है। साथ हीं फसल में किसी प्रकार के रोग एवं कीट कम लगते हैं। वहीं पर्यावरण को सुरक्षित रखता है।
कार्यक्रम में इफको के मयंक सिंह ने बताया कि नैनो डीएपी से बीज शोधन से तैयार नर्सरी में पांच लीटर पानी में 25 एमएल नैनो डीएपी डालकर जड़ शोधन कर धान की रोपाई की जा सकती है। इससे उर्वरक की आवश्यकता को लगभग 50 प्रतिशत काम किया जा सकता है। प्रत्येक सहकारी समितियों पर नैनो डीएपी और यूरिया उपलब्ध है। जल्द ही नैनो जिंक और नैनो कॉपर किसानों के बीच में उपलब्ध होगा। कहा कि आने वाले समय में नैनो डीएपी और नैनो यूरिया का छिड़काव ड्रोन से फसलों पर किया जाएगा। इससे मात्र आठ लीटर पानी में एक एकड़ की छिड़काव 8-10 मिनट में ही आसानी से किया जा सकेगा। इससे समय के साथ ही पानी की बचत होगी। डॉ. चंदन सिंह ने बताया कि मृदा को स्वस्थ रखने के लिए नैनो डीपीपी का प्रयोग लाभकारी है। इसके प्रयोग से रासायनिक उर्वरक की मात्रा में कमी आती है। इससे किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचता है। किसान अपने फसल में लगने वाली लागत को आसानी से कम कर सकता है। यह दानेदार डीएपी का शानदार विकल्प है। इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक रितेश सिंह गंगवार, अविनाश वर्मा, मनीष सिंह आदि वैज्ञानिक उपलब्ध रहे।

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