शहाबगंज। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में इस वक्त रामराज्य चल रहा है। विद्यालय कब खुलेगा और कब बंद होगा यह कोई देखने वाला ही नहीं है। इन विद्यालयों की सारी व्यवस्थाएं राम भरोसे है, जबकि आधिकारिक रूप से इसे बेसिक शिक्षा विभाग के भरोसे होने चाहिए। विद्यालयों की बात करें तो यहां गैस सिलेंडर की जगह चूल्हे पर एमडीएम बनाने का क्रम जारी है। जो शासनादेश का खुला उल्लंघन है।शहाबगंज ब्लाक क्षेत्र में

सोमवार की सुबह कुछ विद्यालयों फैक्ट चेकिंग किया गया कि विद्यालयों की पठन पाठन की क्या स्थिति है? नामांकन के सापेक्ष कितनी संख्या में बच्चे उपस्थित हैं? अध्यापकों के आने जाने का समय ठीक है कि नहीं? विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सरैया में 8ः30 तक स्कूल का ताला बंद था। वहीं एक अध्यापक संतोष कुमार गुप्ता उपस्थित थे। विद्यालय में 145 छात्र नामांकित है, जिनमें मात्र छह बच्चे उपस्थित रहे। कम्पोजिट विद्यालय मनकपड़ा में बच्चों की उपस्थिति कम थी। वहीं रसोईया द्वारा गैस सिलेंडर की जगह चूल्हा पर खाना बनाया जा रहा था।वही एक रूम में उपला भरा हुआ था। इसी तरह का नजारा कम्पोजिट विद्यालय ढुन्नू में भी मिला, जहां गैस सिलेंडर की जगह चूल्हा पर खाना बन रहा था। वहीं भोजन की गुणवत्ता भी ठीक नहीं थी, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार का शासनादेश जारी किया गया है किसी भी परिषदीय विद्यालय में उपला पर एमडीएम का भोजन नहीं बनाया जायेंगा।जिससे धुआं रहित वातावरण भी विद्यालय का बना रहेगा।