Young Writer, चंदौली। नगर के सकलडीहा रोड स्थित एमडी नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज के प्रांगण में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाया गया। इसमें एएनएम एवं जीएनएम के छात्राओं द्वारा शिक्षकपरक कार्यक्रम सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। साथ ही फ्लोरेंस नाइटेंगल के चित्र पर पुष्प अर्पित करके मोमबत्ती जलाकर उनको याद किया गया।
इस दौरान चेयरमैन डा बृजेश कुमार वर्मा ने बताया कि 12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस में नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उच्च वर्गीय परिवार में जन्मीं फ्लोरेंस के घर वालों को ये बिल्कुल मंजूर नहीं था कि उनकी बेटी नर्स बने, क्योंकि उस वक्त नर्सिंग को सम्मानित पेशा नहीं माना जाता था। आखिरकार फ्लोरेंस की जिद के आगे घर वालों को झुकना पड़ा और फ्लोरेंस को नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए जर्मनी जाने की इजाजत मिल गई। साल 1851 में वे जर्मनी गईं और 1853 में उन्होंने लंदन में महिलाओं के लिए अस्पताल खोला। इसी साल क्रीमिया का युद्ध शुरू हो गया। फ्लोरेंस 38 नर्सों को साथ लेकर तुर्की के एक मिलिट्री अस्पताल में सैनिकों की सेवा करने गईं। अस्पताल में फ्लोरेंस ने गंदगी देखा। उन्होंने सबसे पहले अपना ध्यान साफ-सफाई पर लगाया। उन्होंने घायल और बीमार सैनिकों की देखभाल में दिन-रात एक कर दिया। वे रात में भी सैनिकों की सेवा में लगी रहती थीं। इस दौरान हाथ में लालटेन लेकर वह मरीजों को देखने जाती थीं, इसी कारण सैनिक उन्हें लेडी विद द लैंप कहने लगे। जब फ्लोरेंस युद्ध के बाद लौटीं, तो उनका यह नाम प्रसिद्ध हो गया था। आज भी पूरी दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती है। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष फेंकने प्रसाद, जिला पंचायत सदस्य साहब सिंह मौर्या, ओमप्रकाश मौर्य, राम भजन, श्रीराम मौर्य, विवेक सिंह, राकेश लाल, शिखा सिंह, काजल मौर्य, आरती, विद्या, सुनिधि, एकता, माला, आदि उपस्थित रहे।