चंदौली। शासन ने एआरटीओ प्रवर्तन विनय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता, ओवरलोडिंग के खिलाफ न्यूनतम कार्रवाई, शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने के मामले में अनियमितता का आरोप है।
दरअसल 8 फरवरी को ट्रांसपोर्टर प्रमोद सिंह ने एआरटीओ विनय कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को लेकर पत्रक सौंपा था, जिसमें आरोप लगाया कि अंत्योदय अन्न योजना के तहत कोटेदारों के यहां सरकारी राशन लेकर जा रहे ट्रक का फिटनेस खत्म होने पर एआरटीओ विनय कुमार ने वाहन को अलीनगर में सीज कर दिया। ट्रांसपोर्टर ने एआरटीओ से फोन पर वार्ता की और बताया कि कोटे का राशन दूसरी ट्रक के पलटी कराने का आदेश जारी करें। एआरटीओ ने कार्यालय जाकर कर्मचारी फेंकूराम से आदेश का लेटर लेने की बात कही। कार्यालय में फेकू राम ने आदेश बनाने के बदले दस हजार रुपए देने की मांग की। घुस देने से इंकार करने पर आदेश देने से मना कर दिया। शिकायत के बाद जिलाधिकारी ईशा दुहन ने एडीएम उमेश मिश्रा को पूरे मामले की जांच सौंप दी। इस दौरान जिला खाद्य विपणन अधिकारी की तरफ से भी अन्न रिलीज किए जाने के बाबत पत्र भेजा गया था। प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटश्वर लू की तरफ से जारी पत्र में बताया गया कि ओवरलोडिंग के प्रति अतिन्यून प्रवर्तन कार्यवाही एवं प्रवर्तन कर्मियों के द्वारा दिये गये लिखित बयान के आलोक में भ्रष्टाचार में संलिप्तता, शिथिल नियंत्रण तथा शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने की अनियमितता के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाते हुए सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन द्वितीय विनय कुमार चंदौली को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। भ्रष्टाचार के आरोप में एआरटीओ के खिलाफ कार्रवाई का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व एआरटीओ रहे आर एस यादव ओवरलोडिंग खेल में निलंबित हो चुके है।