बिना ड्राईविंग लाईसेंस के नये ई-रिक्शा वाहनों के पंजीयन पर लगायी गई रोक
Young Writer, चंदौली। बिना लाइसेंस धारकों एवं अवयस्क द्वारा ई-रिक्शा के अवैध रूप से संचालन करने एवं वाहन विक्रेताओं द्वारा अवैध एवं बिना फैक्ट्री में निर्मित ई-रिक्शा वाहन के विक्रय किये जा रहे हैं जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ऐसे में अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा के विरूद्ध 30 अप्रैल तक अभियान चलाया जा रहा है।
शासन के आदेश पर जनपद में मुगलसराय, रामनगर एवं चन्दौली क्षेत्रों में अवैध संचालित ई-रिक्शा वाहनों के विरूद्ध विशेष चेकिंग की कार्यवाही की गयी। इस अभियान के अन्तर्गत परिवहन विभाग द्वारा 16 अप्रैल तक कुल 184 ई-रिक्शा वाहनों का चालान किया गया एवं 50 ई-रिक्शा वाहनों को जनपद के विभिन्न थानों में निरूद्ध किया गया। इन वाहनों के चालानों से लगभग 12 लाख रूपये प्रशमन शुल्क की प्राप्ति होगी। प्रवर्तन की कार्यवाही में मुख्य रूप से नाबालिकों द्वारा वाहन का संचालन करने एवं बिना फिटनेस, बिना इन्श्योरेन्स व अन्य वैध प्रपत्रों के अभियोग में चालान किया गया।
यह कार्यवाही सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्ेश्य से की गयी। बिना फिटनेस एवं लाईसेंस के चलने वाले ई-रिक्शा न केवल सड़क सुरक्षा के लिए खतरे की वजह बनते हैं, बल्कि ये यात्री और चालक दोनों के लिए जोखिम भी पैदा करते हैं। एआरटीओ ने बताया कि परिवहन कार्यालय चन्दौली द्वारा नये ई-रिक्शा वाहनों के पंजीयन में आवेदकों व वाहन क्रेताओं के ड्राइविंग लाईंसेंस की अनिवार्यता को लागू कर दिया गया है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के धारक व आवेदक ई-रिक्शा वाहनों का पंजीयन नहीं करा सकेंगे।