Young Writer, चंदौली। मुख्यालय पर मंगलवार को पूर्वांचल शक्ति संगठन की बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष राजेश पांडेय ने अलग पूर्वांचल राज्य बनाने के लिए हूंकार भरी। इस दौरान पदाधिकारियों ने अलग पूर्वांचल राज्य के लिए आंदोलन की रणनीति भी बनाई। बताया कि पूरे देश में सबसे बड़े आबादी वाले यूपी के पूर्वांचल का विकास रूका हुआ हैं। ऐसे में अलग पूर्वांचल राज्य बनाने और काशी को राजधानी बनाना जरूरी है। पूर्वांचल के लोग भी इस मुहिम को तेज करने के लिए संगठन के साथ खड़े हैं।
उन्होने कहा कि यूपी की जनसंख्या 20 करोड़ से अधिक हो चुकी हैं। ऐसे में यूपी को विभाजित करके पूर्वांचल राज्य बनाना जरूरी हो गया हैं। क्योंकि पूर्वांचल के चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी सहित कई जिले आज भी विकास की गति से काफी पीछे हैं। कहा कि पूर्वांचल के जिलों में रोजगार की संभावना नहीं हैं। ऐसे में लोग परिवार के भरण पोषण के लिए पलायन करके दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जाते हैं। कहा कि पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने के बाद सड़क, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं को तेजी से गति मिलेगी। साथ ही लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्य में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने पूर्वांचल के लोगों के साथ अन्याय किया हैं। लेकिन अब संगठन के द्वारा अलग पूर्वांचल राज्य बनाने की मुहिम को तेज किया जाएगा। इस अभियान में तमाम सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। ताकि पूर्वांचल को अलग राज्य का दर्जा मिल सकें। इस दौरान संगठन के संरक्षक राजेश द्विवेदी, जिला प्रभारी रजनीकांत पांडेय, अजय पाठक, सत्येंद्र उपाध्याय, नरेंद्र तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।