लहुराडीह, परसिया, बोझ विशेषरपुर ईत्यादि गांव के सैकड़ों ग्रामीणों का प्रदर्शन, पुलिस-पीएसी बल तैनात, भाजपा नेता और ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि ने की मध्यस्थता
Young Writer, नौगढ़। गोंड जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र न मिलने से शुक्रवार को नौगढ़ तहसील मुख्यालय पर बवाल हो गया। लहुराडीह, परसिया, बोझ और विशेषरपुर ईत्यादि गांवों से टैªक्टर जीप व अन्य निजी साधनों से आए सैकड़ों ग्रामीणों ने तहसीलदार अनुराग सिंह का घेराव कर लिया। आक्रोशित महिलाओं और पुरुषों ने जमकर नारेबाजी करके तहसीलदार को बंधक बनाने की कोशिश करने लगे। स्थिति बिगड़ने पर तहसीलदार किसी तरह भागकर अपने कक्ष में घुस गए। तहसील के लेखपालों से आक्रोशित लोगों की जमकर झड़प भी हुई।
माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि सुरक्षा के लिहाज से तहसील का मेन गेट घंटों तक बंद रखा गया। अपनी समस्याओं के निपटारे के लिए आए वादकारियों को घंटों गेट के बाहर ही रहना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप था कि गोंड जाति का अनुसूचित जनजाति में प्रमाण पत्र पहले जारी किया गया है। पूर्व में करीब 300 लोगों का नौगढ तहसील से अनुसूचित जन जाति का प्रमाण जारी भी किया गया है। अब इस पर रोक लगा दिया गया है। महीनों से आवेदन करने और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बावजूद फाइल लंबित बताई जाती है। उनका कहना है कि प्रमाण पत्र न मिलने से बच्चों को छात्रवृत्ति, शिक्षा और सरकारी नौकरियों में भारी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने तहसील पहुंचते ही जोरदार नारेबाजी की।
गुस्से से भरी भीड़ गेट पर धक्का-मुक्की करने लगी। महिलाएं आगे बढ़कर अधिकारियों के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहीं। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार कार्यालय का दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी किया। हंगामे की खबर मिलते ही नौगढ़, चकरघट्टा व चकिया थानों की पुलिस व चन्द्रप्रभा औरवाटांड़ की पीएसी फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। करीब दो घंटे तक तहसील परिसर में हंगामा की स्थिति बनी रही।
जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग के निर्देश पर तत्काल एसडीएम चकिया व सीओ आकांछा गौतम भी मौके पर पहुंच गए। विधायक चकिया कैलाश खरवार ने फोन पर एसडीएम नौगढ़ विकास मित्तल को समस्या का समाधान कराने का निर्देश दिया। उपजिलाधिकारी विकास मित्तल ने बताया कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप निर्धारित संलग्नक के आधार पर ही जाति प्रमाण जारी किया जाएगा। भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवानदास अग्रहरि और ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सुजीत कुमार उर्फ सूड्डू सिंह ने मौके पर पहुंच कर आक्रोशित ग्रामीणों को काफी समझा कर अधिकारियों से वार्ता कराया। प्रदर्शन में महिलाओं की भूमिका अहम रही। उन्होंने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि महीनों से तहसील के चक्कर लगाने के बावजूद जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहा है। करीब तीन घंटे तक हुए हंगामा के बाद प्रशासन और स्थानीय नेताओं के समझाने पर ग्रामीण शांत हुए।