सेना भर्ती के लिए नेताओं के आगे नहीं आने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
चन्दौली। सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू रविवार को मुख्यालय पर पत्रकारों से रूबरू थे। इस दौरान उन्होंने सेना भर्ती के लिए किए गए आह्वान के पूर्व होने के बाद जनपद के किसी भी दल के किसी जनप्रतिनिधि , सांसद , विधायक , मंत्री एवं पूर्व विधायक , पूर्व सांसद के आगे नहीं आने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा की मेरे आहवान की समय सीमा आज पूरी हो रही है । लेकिन दुर्भाग्य यह कि चंदौली में सेना भर्ती कराने के लिए किसी भी दल जनप्रतिनिधियों ने मेरा नेतृत्व स्वीकार नहीं किया और ना ही मुझे अपने नेतृत्व व सानिध्य में सेना भर्ती के लिए बुलाने की पहल की । मेरा यह आह्वान पूरी गैर राजनीतिक और युवाओं के रोजगार से जुड़ा है। इससे जनपद में तरक्की व खुशहाली होगी । आज जरूरत है जनपद के पिछड़ेपन को हम सभी मिलकर दूर तरह से गैर राजनीति था और अभी भी है । क्योंकि रोजगार सृजन के साथ ही चंदौली में करें । चंदौली की धरती धान के कटोरा में सिर्फ सोना ही नहीं उगाती , यह धरती सेना में भर्ती होने का जज्बा पाले युवाओं को भी जन्म देती है । धानापुर व सैयदराजा की धरती का उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती होकर देश सेवा का जज्बा पाले युवाओं जाना पड़े , जो दुर्भाग्यपूर्ण है । साथ ही यह सरकार व सरकारी तंत्र के हिस्सा कहे जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए बड़ा सवाल है । क्योंकि सरकार यदि सेना भर्ती में सेवा के अवसर सृजित करती तो नौकरी पाने के उम्र की अंतिम दहलीज पर पहुंच चुके युवाओं व उनके परिजनों को ऐसे अवसर दलालों के जरिए सृजित करने के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता । आज शहीदी धरती धानापुर के पांच युवा जबलपुर के जेल में बंद है । ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि सरकार सेना भर्ती रैली कराकर युवाओं के लिए अवसर सृजित करें , ताकि नौकरी पाने के उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके युवाओं को खुद को साबित करने का अवसर मिल सके । इसी सोच के साथ चंदौली के सभी जनप्रतिनिधियों व राजनेताओं को काम करने की जरूरत है । तभी सेना भर्ती के नाम पर जालसाजी व ठगी का शिकार हो रहे युवाओं व उनके परिजनों को ऐसी घटनाओं से बचाया जा सकता है , जिसमें उनका आर्थिक हनन होने के साथ ही सामाजिक नुकसान हो रहा है । आज पसहटा , रायपुर , सोनहुली , अमादपुर बड़ौरा , धनाइतपुर सहित कई गांवों के कई परिवार अपने बच्चों की सलामती को लेकर फिक्रमंद है । बच्चे सेना में भर्ती होने की बजाय जेल की हवा खा रहे हैं । यह चन्दौली के लिए दुख और दुर्भाग्य का विषय है ।