सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने इसके लिए किया था प्रयास
Young Writer, चंदौली। यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018 व 2019 में आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने की त्रुटि को स्वीकार किया है। आयोग के अनुसार 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षित वर्ग के ओबीसी, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक/स्वतंत्रता सेनानी को अर्हक अंक में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने, विनियमितीकरण की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गयी है। उक्त मामले में सपा के सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने बीते वर्ष एक अगस्त 2021 को राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को पत्र लिख प्रकरण से अवगत कराया था। उन्होंने अपने पत्र में पिछड़ों को आरक्षण देने एवं समाजिक न्याय की संवैधानिक गरिमा को बरकरार रखे जाने की बात कही थी।
विदित हो कि कुल 68500 सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई, जिसमें आरक्षित वर्ग के ओबीसी, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक एवं स्वतंत्रता सेनानी को अर्हक अंक में पांच प्रतिशत की छूट प्रदान करने, विनियमितीकरण की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गयी थी। इसके बाद अब उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने की त्रुटि को स्वीकार किया है। इस बाबत सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने कहा कि समाजिक न्याय की दिशा में मेरा प्रयास लगातार जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया है कि समाजवादी पार्टी हमेशा उनके संघर्ष में साथ है। प्रभुनारायण सिंह यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए संविधान के नियमों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कहा कि योगी अपनी तानाशाही चलाने चाहते हैं और गरीबों और पिछड़ों के विकास में बाधक बनी हुई है। उनका दावा है कि सत्ता में बैठे लोगों समाज में समानता व समरसता नहीं लाना चाहती। यही वजह है कि वह पिछड़ों का हक मारकर सामान्य व पिछड़ों के बीच की खाई को बढ़ाने का षड्यंत्र कर रही हैं। पिछड़ों का हितैषी होने का दावा करने वाले लोग राजनीतिक लाभ के लिए पिछड़ों के अस्तित्व को हाशिए पर लाने का काम किए हैं। ऐसे लोगों से पिछड़ों व अतिपिछड़ों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।