दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल–बाल बची नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस

लीलापुर के पास हादसे के बाद राजधानी के इंजन के बीच पड़ा लोहे का गार्डर।
लीलापुर के पास हादसे के बाद राजधानी के इंजन के बीच पड़ा लोहे का गार्डर।

चंदौली जनपद के लीलापुर के पास रेलवे ट्रैक पर पड़े लोहे के गार्डर से टकराई ट्रेन

Young Writer, चंदौली। नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस-12302 (New Delhi – Howrah Rajdhani Express) मंगलवार की मध्य रात्रि के बाद दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बची। चालक की सूझबूझ ने राजधानी को क्षेत्र के लीलापुर गांव के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा लिया। चालक समय पर इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाता तो पूरी की पूरी राजधानी पलट जाती। हादसे के बाद राजधानी डाउन रेलवे ट्रैक पर रात्रि 02ः15 से 02ः28 बजे तक खड़ी रही। मौके पर पहुंचे डीडीयू जंक्शन के साथ ही चंदौली स्टेशन पर तैनात रेल कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों ने ट्रेन का मुआयना किया, तब जाकर राजधानी गंतव्य के लिए रवाना हुई। 

रेल महकमे के सूत्रों के मुताबिक रात्रि 02ः10 बजे के आसपास नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस (New Delhi – Howrah Rajdhani Express) चंदौली मझवार रेलवे स्टेशन को पार कर बिहार की ओर आगे बढ़ी। जैसे ही ट्रेन लीलापुर गांव के समीप पहुंची रेलवे ट्रैक पर कुछ लोग लोहे का गार्डर लेकर पार करते हुए नजर आए। राजधानी ट्रेन को आता देख उक्त कतिपय ग्रामीण गार्डर को रेलवे ट्रैक पर ही छोड़कर भाग निकले। यह राजधानी के चालक ने सूझबूझ का परिचय दिया और तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाया दिया। बावजूद इसके राजधानी का इंजन लोहे के गार्डर को करीब एक किलोमीटर दूर तक घसीटते हुए ले गया। अचानक ब्रेन लगने से ट्रेन में सफर कर रहे यात्री गहरी नींद से जाग गए। स्थिति यह रही कि ब्रेन का झटका लगने से यात्रियों में हड़कंप की स्थिति रही और हर कोई उसकी वजह जानने को परेशान नजर आया। वहीं चालक की सूचना पर तत्काल चंदौली मझवार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारी, कर्मचारी व आरपीएफ के साथ जीआरपी पहुंच गए और थोड़ी ही देर में डीडीयू जंक्शन से भी अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गयी। रेल कर्मियों ने राजधानी के इंजन में फंसे लोहे के गार्डर को बाहर निकाला। इसके बाद तकनीकी टीम ने इंजन व राजधानी की बोगियों का मुआयना किया, तब जाकर ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया। इस दरम्यान राजधानी करीब 20 मिनट तक डाउन रेलवे ट्रैक पर खड़ी रही। सूत्रों की माने तो यदि चालक ने समय रहत  ब्रेक नहीं लगाई होती तो पूरी की पूरी ट्रेन पलटने की आशंका थी, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था। फिलहाल रेलवे सुरक्षा कर्मी इस बात का पता लगा रहे हैं कि रात के अंधेरे लोहे का गार्डर कौन पार करा रहे थे, जिनकी वजह से बड़ा हादसा होते-होते रह गया।