शहाबगंज ब्लाक से सम्बद्ध प्राइवेट नंबर प्लेट के वाहनों का हो रहा कामर्शियल उपयोग
Young Writer, इलिया। सरकार ने भले ही वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन शहाबगंज ब्लाक के अफसर और उनके स्टाफ पर वीआईपी कल्चर पूरी तरह हावी है। स्थिति यह है कि कहीं इन अधिकारियों के गाड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार लिखा कर गाड़ी में लगाया है तो कहीं पीछे शीशे पर मजिस्ट्रेट अंकित है। इसकी बानगी शहाबगंज ब्लॉक कार्यालय जाकर देखी जा सकती है।
शहाबगंज ब्लाक परिसर में खड़ी विकास खण्ड शहाबगंज के अधिकारियों व स्वास्थ्य विभाग में संबद्ध किराए पर गाड़ियां परिवहन विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ जाएंगी। लाल या नीली बत्ती का कल्चर खत्म होने के बाद अधिकारी अपनी या अपने परिवार की गाड़ियों पर पदनाम या फिर उत्तर प्रदेश सरकार लिखकर वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं। कार्यालयों में उत्तर प्रदेश सरकार लिखे वाहन रोजाना खड़े मिलते हैं। ये कर्मचारी मुख्यमंत्री के आदेश को भी दरकिनार कर रहे हैं। सरकारी विभागों में संबद्ध वाहन पर भी उत्तर प्रदेश सरकार लिखा हैं। जबकि इनका सरकारी विभागों से दूर-दूर तक नाता नहीं। नियम के अनुसार सरकारी विभागों में सम्बद्ध निजी वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार का बोर्ड नहीं लगाया जा सकता, लेकिन यहां सरकारी आदेश किनारे है। परिवहन विभाग के नियमानुसार नंबर प्लेट पर विभाग या पदनाम नहीं लिखा जा सकता, मगर यह सब खुलेआम लिखा मिलेगा। शहाबगंज में तैनात एडीओ पंचायत अरविंद कुमार के गाड़ी पर आगे उत्तर प्रदेश सरकार और पीछे मजिस्ट्रेट लिखा हुआ साफ-साफ दिख रहा है। इसी तरह खंड विकास अधिकारी के वाहन पंजीयन नंबर (यूपी 67 एए 2666) सहित स्वास्थ्य विभाग में संबद्ध अपनी गाड़ियों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखे हुए हैं।
…क्या कहते हैं Chandauli के ARTO
इलिया। एआरटीओ सर्वेश गौतम ने बताया कि निजी वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा मिलने पर एमवी एक्ट के तहत जुर्माना हो सकता है। जुर्माना अदा नहीं करने पर गाड़ियों का चालान किया जाता है। प्राइवेट वाहनों पर केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार या विभाग का नाम लिखना गलत है। प्राइवेट वाहनों पर केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार लिखा पाए जाने पर एमवी एक्ट की धारा-177 के तहत जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माना न देने की दशा में चालान होगा। जल्द ऐसे वाहनांे की चेकिंग भी कराई जाएगी। बताया कि प्राइवेट गाड़ी कमर्शियल यूज में नही ले सकते। अगर ऐसा है तो उसका परमिट चेक किया जाएगा। परमिट न होने पर क्वाटरलीय टैक्स पर पांच गुना जुर्माना के रूप में वसूल किया जाएगा।