Young Writer, चंदौली। जनपद चंदौली की सुर्खियों में हमेशा कोई न कोई घटना, चर्चा व चमत्कार बना रहता है। बीते कुछ दिनों से जनपद चंदौली में छड़ चोरी प्रकरण खूब सुर्खियां बंटोर रहा है। खासकर मिनीमहानगर मुगलसराय के इलाके में इसकी खूब चर्चा है। छड़ चोरी प्रकरण क्या है? यह कब हुई? किसने इस घटना को अंजाम दिया? घटना हुई है या नहीं? इसके तार समाजवादी पार्टी से कैसे जुड़े? यह अफवाह है या उसमें कोई सच्चाई भी है? इन तमाम सवालों के जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। लेकिन इनसे जुड़ी चर्चाएं खूब हो रही है। फिलहाल जितने मुंह उतनी बातें। हर कोई अपने अनुमान की तराजू में इस घटना की चर्चाओं को तौल रहा है।
खैर! चर्चाएं इस कदर जोर पकड़ने लगी कि इसमें समाजवादी पार्टी के एक दिग्गज नेता को हस्तक्षेप करना पड़ता। सूत्र बताते हैं कि इसे चर्चा को लेकर जनपद स्तर पर हाई लेवल मीटिंग भी रखी गयी, जहां कुछ वरिष्ठजनों के बीच गोपनीय बातचीत। इस दरम्यान छड़ चोरी प्रकरण को चर्चा और सुर्खियों से दूर कैसे किया जाए। इस पर खूब चिंतन-मंथन भी हुआ। बावजूद इसके समाजवादी पार्टी के कुछ नेता व कार्यकर्ता हर बार की तरह इस बार भी दो गुटों में बंटे नजर आए। फिलहाल गेंद पब्लिक के पाले में है और वह इससे जमकर खेल रही है। अब चाहे चंदौली में चाय की दुकानों पर चर्चें हो या फिर गांव के चौपाल व चट्टी-चौराहों की चर्चा में छड़ चोरी प्रकरण स्वतः ही शामिल हो जा रहा है। कुछ चर्चा के स्थान ऐसे हैं जहां इस विषय को लेकर चर्चा, बहस में तब्दील हो जा रही है। खैर इस विषय पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
सूत्रों से सिर्फ यही जानकारी सामने आयी है कि गोधना में समाजवादी पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए जो छड़ मौके पर रखे गए थे वर्तमान में वह अपने स्थान पर नहीं है। उसे चोरी किया गया है या किसी ने हटाया है। वह समाजवादी पार्टी का नेता, कार्यकर्ता या पदाधिकारी है या फिर बाहरी कोई अनजान शख्स। इसके बारे में अभी कोई भी पुष्टि किसी भी स्तर से किसी के द्वारा नहीं की गयी है। ना ही चोरी की घटना होने की बात को भी स्वीकारने जैसा कुछ भी तथ्य समाने नहीं आया है। फिलहाल जो भी है वह चर्चाओं में विद्यमान है और वाट्सऐप और फेसबुक पर अपने अनुमान व भावनाओं का तड़का लगाकर उसे बांटा जा रहा है, जिससे इस प्रकरण की रोचकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।