‘रास्ते फिसल रहे हैं’ निबंध-संग्रह के लिए मिली उपलब्धि
Young Writer
जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डा. उमेश प्रसाद सिंह अपने ललित निबंधों के कारण हर दिन एक नई ख्याति अर्जित कर रहे हैं। इसी कड़ी में राजेश्वरी एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट ने मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर डा. उमेश प्रसाद सिंह को उनके निबंध-संग्रह ‘रास्ते फिसल रहे हैं’ के लिए कुबेरनाथ राय ललित निबन्धकार सम्मान-2024 से नवाजा। उन्हें यह सम्मान मुख्य अतिथि डा. राघव शरण शर्मा ने प्रदान किया।
इस दौरान कार्यक्रम में काशी व यूपी के साथ ही पूरे देश के दिग्गज साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा बने। साहित्यकारों ने इस पावन अवसर पर मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं व उनके साहित्यिक योगदान पर चर्चा की। इसके साथ ही राजेश्वरी एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट ने विभिन्न विधाओं में अपनी लेखनी से साहित्य को जीवंतता प्रदान करने वाले देश के कई साहित्यकारों को स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसी कड़ी में जनपद चंदौली के जाने-माने साहित्यकार व ललित निबंधकार डा. उमेश प्रसाद सिंह को उनकी उम्दा लेखनी के लिए कुबेरनाथ राय ललित निबंधकार सम्मान-2024 से नवाजा गया।
इस मौके पर डा. उमेश प्रसाद सिंह ने हिन्दी साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं और आम पाठकों पर उसके प्रभावों का जिक्र किया। कहा कि मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं असाधारण होने के साथ ही उसकी भाषा व उसका भाव बेहद साधारण होता था, जिससे आम पाठक उससे खुद को आसानी से जोड़ पाता है। आज हम सभी को हिन्दी साहित्य के उस दौर को वर्तमान में फिर से पुनर्स्थापित करने के लिए आगे आना होगा, ताकि आम पाठक को हिन्दी साहित्य से जोड़ा जा सके। सम्मान समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात समीक्षक डा. रामसुधर सिंह, वाराणसी, मुख्य अतिथि डा. हरेराम पाठक, नई दिल्ली, राघव चड्ढा, सविता चड्ढा, प्रीति राही, विशिष्ट अतिथि डा. इंदीवर, डा. प्रकाश उदय थे। कार्यक्रम का संचालन डा. राघवेंद्र नारायण सिंह ने किया। इस अवसर पर भोपाल, बंगलौर, बंबई और देश के अन्य हिस्सों से प्रसिद्ध विचारक और साहित्यकार सम्मिलित थे।