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नियामताबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा.रविकांत सिंह ने बताया कि ब्लॉक के स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीणों के बीच जाकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। डायरिया से रोकथाम व बचाव के लिए बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा चाय, काफी, सोडा, चॉकलेट के सेवन से बचें। अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं और शुद्ध पानी पिए।
उन्होंने बताया कि डायरिया से बचाव हेतु प्रत्येक गांव में एएनएम सहित स्वास्थ्य कर्मचारी मिलकर साफ-सफाई हेतु ग्रामीणों को निर्देशित कर रहे हैं प्रत्येक गांव में स्वच्छता हेतु शपथ भी दिलाया जा रहा है। सितंबर माह पीड़ित सीजन है इस माह में डेंगू टाइफाइड मलेरिया आदि संक्रामक रोगों का भय बना रहता है। घर के अगल-बगल पानी का जमाव न होने दे जो भी पानी प्रयोग में हो उसको उबाल कर प्रयोग करें। डायरिया का प्रारंभिक लक्षण पतली दस्त होना, उल्टी आना, बहुत तेज दर्द होना, वजन कम होना आदि लक्षण हैं। प्रत्येक गांव में एएनएम व आशा बहनों द्वारा जानकारी होने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर इलाज कराया जाता है उनके पास ओ आर एस किट पर्याप्त मात्रा में रहता है और खाने के लिए टेबलेट भी उपलब्ध रहता है स्थिति कंट्रोल में न होने पर ब्लॉक स्तरीय टीम तुरंत इलाज हेतु गांव को रवाना होती है।