कांग्रेस सेवादल के पांच दिवसीय प्रादेशिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
Young Writer, Congress News: उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रादेशिक प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन बुधवार को सुबह बजे वंदेमातरम के साथ हुई। इस मौके पर वरिष्ठ नेता वीरेंद्र नारायण सिंह के द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इसके कांग्रेसियों ने प्रभातफेरी निकालकर पूरे नगर का भ्रमण किया और कांग्रेस पार्टी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया। इसके बाद व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इस दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी ने कहा कि शोषण, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ़ लड़ाई लड़ना राजनीति में आने का उद्देश्य होना चाहिए। सत्ता शासन में शामिल होकर इन समस्याओं को दूर करना है और इसलिए सेवादल का गठन हुआ था। कहा कि सेवादल का काम सिर्फ़ अनुशासन और सेवा करना ना समझें बल्कि विचारधारा का वाहक व पोषक समझे। आर्थिक रूप से विपन्न लोगों को अधिकार मिले इसके लिए जातिगत जनगणना बहुत आवश्यक है और यही रामराज्य की परिकल्पना है। दलित शोषित और वंचितों की मदद करने और 2027 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने का संकल्प लिया।
सतीश राय ने कहा कि सेवा दल कांग्रेस का प्रवेश द्वार है। यहां कार्यकर्ता सिर्फ़ प्रशिक्षित ही नहीं होते बल्कि संस्कारित होते हैं। उन्होंने हिमालय और गंगा से कांग्रेस की तुलना की और व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी द्वारा थोपे गए मिथक को तोड़ना जरूरी बताया। कहा कि कांग्रेस की संस्कृति में जाति धर्म भेद नहीं है।
प्रोफेसर क्षेमेंद्र त्रिपाठी ने प्रश्नोत्तर के माध्यम से संविधान की अवहेलना व एक जुलाई से भारतीय दंड संहिता में परिवर्तन व बुल्डोजर जस्टिस पर जमकर प्रहार किया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व फ्रंटल प्रभारी विश्वविजय सिंह ने कहा कि सेवादल के प्रति राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व बहुत गंभीर है। सेवादल से अलग दिखा कर हम वैचारिक रूप से कांग्रेस की सेवा नहीं कर सकते।
संचालन करते हुए कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष डा.प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि यूपी के 18 मंडलों में सेवादल के साथ जिला शहर कांग्रेस कमेटियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले दो-दो मंडलों पर फिर एक-एक मंडल और फिर जिला स्तर पर शिविर लगाए जायेंगे। जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान प्रांतीय मुख्य संगठक सतीश बिंद, मधुराय, नारायण मूर्ति ओझा, आनंद शुक्ला, फसाहत हुसैन, ओम प्रकाश ओझा, मनीष मोरोलिया, रामजी गुप्ता, अनिल देव त्यागी, अतीत बागी, कनिष्का रफेल, हसीना खातून, सरिता यादव, शिफा कादर, बबिता राधेश्याम समेत लगभग 300 शिवरार्थियो ने भाग लिया।