इस्लामाबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में किया ऑनलाइन प्रतिभाग
Young Writer: चंदौली। उच्च शिक्षा के क्षेत्र के मुगलसराय निवासी खालिद वकार आबिद नित नए आयाम गढ़ रहे हैं। अभी हाल में उन्होंने अंतर्राराष्ट्रीय संस्था एशियन एसोसिएशन ऑफ ओपन यूनिवर्सिटीज इंडोनेशिया (AAOU) द्वारा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 15 से 17 अक्टूबर 2024 तक आयोजित 37वें अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुग़लसराय) नगर के निवासी खालिद वकार आबिद में मुक्त दूरस्थ शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: नवाचार, लाभ और चुनौतियाँ’ विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया है। लगभग 20 से अधिक देशों के 250 से भी अधिक प्रतिभागियों के शोध पत्रों में खालिद वकार आबिद के शोध पत्र को यंग इनोवेटर अवार्ड के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया। बीते 16 अक्टूबर 2024 को खालिद वकार आबिद ने इस शोध पत्र को एशियन एसोसिएशन ऑफ ओपन यूनिवर्सिटीज कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया।
शोध पत्र को कॉन्फ्रेंस की जूरी और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों द्वारा बहुत सराहा गया और खालिद वकार आबिद और शबीर अहमद को 250 अमेरिकी डॉलर के नकद पुरस्कार के साथ यंग इनोवेटर अवार्ड सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। शोध पत्र में खालिद वकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा में उसके वैश्विक इस्तेमाल, लाभ और चुनौतियों के बारे में गहनता और विस्तार से अपनी बात अंतरराष्ट्रीय पटल पर रखी।
खालिद वकार आबिद ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली में स्टाफ प्रशिक्षण एवं दूरस्थ शिक्षा अनुसंधान संस्थान (स्ट्राइड) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अली असगर के शोध निर्देशन में बतौर शोध छात्र अपना पीएचडी थीसिस लिखा। विदित हो कि वर्तमान में ओपन एवं डिस्टेंस शिक्षा के विकास पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एशियन एसोसिएशन ऑफ ओपन यूनिवर्सिटीज में एशिया के 20 से अधिक देशों की यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने दोनों शोधकर्ताओं और उनके पर्यवेक्षकों प्रो. मंजुलिका श्रीवास्तव और डॉ. अली असगर को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए बधाई दी और एआई (AI) के क्षेत्र में इस तरह के और अधिक शोध कार्यों की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोफेसर अनीता प्रियदर्शनी (निदेशक, स्ट्राइड) और सभी संकाय सदस्यों ने भी खुशी व्यक्त और बधाई दी है। खालिद वकार आबिद ने अपनी इस क़ामयाबी का श्रेय अपने परिवारजनों एवं अपने इग्नू के शिक्षकों को दिया।