Young Writer, Chandauli: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के पिता रामअवधर सिंह (77) पटना-सिकंदराबाद ट्रेन में जहरखुरानी का शिकार हो गए। यह घटना और सिंकदराबाद के बीच हुई। हादसे के वक्त उनकी पत्नी उर्मिला सिंह भी सफर कर रही थी, जो कुछ समय के लिए स्लिपर क्लास में मौजूद उनके स्टाफ का हाल-चाल जानने के लिए चली गयी। लौटीं तो देखा कि रामअवध सिंह पर नशीले पदार्थ का प्रभाव हो चुका था। उन्होंने फोन से ट्रेन में सफर कर रहे स्टाफ को सूचना दी और अपने पोते प्रशांत सिंह को घटना से अवगत कराया। ट्रेन के हैदराबाद पहुंचते ही उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं और अभी भी उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।
घटना के बाबत जानकारी देते हुए सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू ने बताया कि हाल ही में उनकी छोटी पुत्री को बेटा हुआ था, जिससे मुलाकात के लिए उनके पिता रामअवध सिंह व माता उर्मिला सिंह चंदौली आए हुए थे। वाराणसी में बेटी व नाती से मुलाकात करने के बाद दोनों लोग आधा दर्जन स्टाफ के साथ पटना-सिकंदराबाद ट्रेन पर सवार होकर तेलंगाना के लिए रवाना हुआ। सहकर्मी स्लीपर कोच में यात्रा कर रहे थे, वहीं उनके माता-पिता सेंकेड एसी के कोच संख्या-ए2 में सीट नंबर-45 व 46 पर सफर कर रहे थे। नागपुर के पास माता उर्मिला सिंह स्लीपर कोच में मौजूद स्टाफ के पास चली गयी।
इसी बीच रामअवध सिंह को एकेला पाकर उनके पास पहुंचे और बातचीत करते-करते खुद को भी क्षेत्र-इलाके का बताते हुए अपनत्व बढ़ाया और इसी बीच मौका पाकर उन्हें नशीला पदार्थ खिला दिया। संयोग अच्छा रहा कि तभी स्लीपर कोच से उनकी पत्नी उर्मिला सिंह भी आ गयी। यह देखकर वहां मौजूद जहरखुरान सरक लिए। नशीले पदार्थ का असर होता देख रामअवध सिंह ने अपने जेवर व अन्य चीजें निकाल कर अपनी पत्नी उर्मिला सिंह को दे दिया और तबियत बिगड़ने की बात कही। इस पर उनकी पत्नी उर्मिला सिंह ने स्टाफ व परिवार के लोगों को सूचित किया और जैसे ही टेªन हैदराबाद पहुंची वहां पहले से मौजूद परिवार के लोग जहरखुरानी के शिकार रामअवध सिंह को पीआरके अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका उपचार चल रहा है। चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है, लेकिन अभी भी उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में ही अस्पताल में रखा गया है। इस घटना के बाद मनोज सिंह डब्लू भी हैदराबाद अस्पताल पहुंचे और पिता रामअवध सिंह से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली। साथ ही लोगों को जागरूक किया कि ट्रेन में सफर के दौरान किसी से कोई खाने-पीने की चीज स्वीकार ना करें।