Young Writer, नौगढ़। काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के जंगलों में आए दिन अज्ञात कारणों से लग रही आग से पेड़ पौधों व पशु पक्षियों का आशियाना जलकर खाक हो जा रहा है। अगलगी की जानकारी होने के बाद भी वन विभाग मूकदर्शक बना रह रहा है।
बताया जाता है कि काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के चकिया नौगढ जयमोहनी चन्द्रप्रभा मझगाई आदि वन रेंजों में हर वर्ष गर्मी के दिनों में अज्ञात कारणों से आगलगी की घटनाएं घटित होती है। आग पर काबू पाने के लिए वनविभाग का कोई भी ठोस पहल नहीं होने से वन संपदा को काफी क्षति पहुंच रही है। जानकारों की माने तो जंगलों में आसीन महुआ बीनने व पियार तोड़ने के लिए पेड़ों के नीचे सफाई करके श्रमिक खर पतवार व पत्तों के ढेर में आग लगा देते हैं, जिससे होने वाली आगलगी की घटनाओं में भारी भरकम क्षति होने से इंकार नहीं किया जा सकता। रविवार को देर शाम जयमोहनी रेंज के रिठियां गांव के समीप नौगढ मद्धुपुर मार्ग के किनारे जंगल में लगी आग से धू धूकर जल रहे पेड़ पौधों व पशुपक्षियों के वासस्थलों को देख ग्रामीणों ने तत्काल क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय मे सूचना देकर के आग बुझाने की ब्यवस्था मुकम्मल करने का अनुरोध किया। फिर भी काफी देर तक वनकर्मियों की टीम मौके पर नहीं पहुंची। ऐसे में स्थानीय लोगों ने रात्रि में वैकल्पिक संसाधनों से काफी प्रयास कर के आग पर काबू पाया। सांसद प्रतिनिधि रमेश कुमार उर्फ पप्पू केशरी ने बताया कि आगलगी की होने वाली घटनाओं को जानकर भी वन विभाग चुप्पी साधकर वन विभाग के अभिलेखों में अज्ञात के विरुद्ध 2-4 केस दर्ज कर उच्चाधिकारियों को वन संपदा को क्षति पहुंचने की रिपोर्ट प्रेषित कर देता है। जिसपर कार्य योजना तैयार कर के पुनः पौधरोपण कराने की तैयारी शुरू हो जाती है।