Young Writer, चंदौली। प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 को लेकर गुरुवार को सिविल बार एसोसिएशन एवं डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन सभागार में अधिवक्ताओं ने बैठक की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने इस विधेयक के विरोध में बाह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। साथ ही इसे अधिवक्ता विरोधी बताया।
इस दौरान अधिवक्ता झन्मेजय सिंह ने कहा कि यह विधेयक बार काउंसिल की स्वायत्ता को कमजोर करने वाला है। साथ ही अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों का भी हनन करने वाला है। यह सीधे तौर पर अधिवक्ताओं की एकता को तोड़ने का षड्यंत्र है, जिसका अंतिम सांस तक विरोध जारी रहेगा। सिविल बार अध्यक्ष विनय कुमार सिंह व डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 में कई ऐसे नियमों को इसमें शामिल किया गया है जिसमें बार काउंसिल आफ इंडिया की स्वतंत्रता व अधिवक्ताओं के ऊपर अत्याचार करने व उनके मौलिक अधिकारों को छिनने का प्रयास किया गया है। कहा कि इस विधेयक के विरोध में अधिवक्ता देश के कानून मंत्री को पत्र लिखेंगे। बावजूद इसके उनके द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की गयी तो अधिवक्ता आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

कहा कि नया विधेयक किसी भी हाल में अधिवक्ताओं को बर्दाश्त नहीं होगा। डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार ने अंत में निर्णय लिया कि इस विधेयक के विरोध में चंदौली के अधिवक्ता 21 फरवरी को पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए इस काले कानून का पुरजोर विरोध करने का काम करेंगे। इस अवसर पर चंद्रमणि त्रिपाठी, चन्द्रभानु सिंह, अजय मौर्य, संजीव श्रीवास्तव, रमाकांत केशरी, राजेश कुमार, विद्याचरण सिंह, मोहम्मद शहाबुद्दीन, राज बहादुर सिंह, मणिशंकर राय, सुल्तान अहमद, लाल प्यारे श्रीवास्तव, आनंद सिंह, हरेंद्र प्रताप सिंह, पंचानन पांडेय, सुजीत सिंह, रमाशंकर यादव, गौरव सिंह, दुष्यंत यादव, राम प्रकाश मौर्य, अवकाश कुमार आदि उपस्थित रहे।