Young Writer: तमिलनाडु के करूर जिले में बीते 27 सितंबर को टीवीके प्रमुख और तमिल अभिनेता जोसेफ विजय चंद्रशेखर उर्फ थलापति विजय की रैली के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें भीड़ के कुचलने से अब तक लगभग 40 से अधिक लोगों के मारे गए हैं, वहीं 100 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। इस घटना पर सिविल बार एसोसिएशन जनपद चंदौली के पूर्व उपाध्यक्ष और कसाब महाल निवासी अधिवक्ता खालिद वकार आबिद ने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा।
जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि करूर जिले में हुई घटना में दर्जनों महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई है और जिस तरह से बच्चों के माता-पिता उनकी मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं, ये दृश्य बेहद परेशान करने वाले हैं। निश्चित ही रूप से इस त्रासदी के लिए अभिनेता से नेता बने विजय को जिम्मेदार है कार्यक्रम शुरू तय समय से लगभग सात घंटे देर से शुरू किया गया। लोगों को तपती धूप में घंटों इंतजार करना पड़ा। ज्ञात हो कि टीवीके प्रमुख विजय ने स्पष्ट कर दिया था कि 27 सितंबर को कार्यक्रम सुबह 8ः45 बजे शुरू होना था, लेकिन उक्त कार्यक्रम लगभग छह घंटे विलंब से शुरू हुआ।
उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि भीड़ जुटाई जा सके। यह आयोजकों की आपराधिक लापरवाही है। कहा कि जो भी जिम्मेदार है उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस मामले में टीवीके प्रमुख और तमिल अभिनेता जोसेफ विजय चंद्रशेखर उर्फ थलापति विजय भी सीधे तौर पर दोषी हैं। वे दोष से बच नहीं सकते। तमिलनाडु सरकार ने भी मंगलवार को एक वीडियो क्लिपिंग जारी कर बताया कि रैली के दौरान ने किस तरह नियम तोड़े गए। रैली में10 हजार लोगों के आने का अनुमान था लेकिन 60 हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए।
पुलिस ने एक्टर विजय को अधिक भीड़भाड़ के कारण तय स्थान से 50 मीटर पहले ही रुकने के लिए कहा, लेकिन आयोजकों ने उनकी बात नहीं मानी। यह घटना कोई साधारण घटना नहीं बल्कि त्रासदी है जो कि सीधे तौर पर मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है। पीडीडीयू नगर निवासी अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता खालिद वकार आबिद ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से तमिलनाडु के जिले करूर में भगदड़ से हुई मौत के मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय जांच सीबीआई से करवाने के लिए पत्र लिखा है जिसे मानवाधिकार आयोग में दर्ज कर लिया है।