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Saturday, July 5, 2025

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अतिक्रमण व गंदगी में जद में आकर अस्तित्व खो रहा प्राचीन पोखरा

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सड़सा बाबा पोखरे के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण की जगी आस

Young Writer, चंदौली। शासन व जिला प्रशासन इन दिनों अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी महोत्सव के तहत जिलाधिकारी तालाबों के संरक्षण को लेकर एक विशेष अभियान चला रहे हैं, जिसकी नींव पड़ चुकी है। जिला प्रशासन का दावा है कि जिन तालाब, सरोवर व पोखरों पर अतिक्रमण से उनका अस्तित्व खतरे में आ गया है। उनका जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण करके उसे फिर से पूर्णतः अस्तित्व में लाया जाएगा। ऐसे में चंदौलीनगर के प्राचीन सड़सा बाबा पोखरे के सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार की उम्मीदें जगी है। उम्मीद है कि सड़सा बाबा पोखरा के दिन भी बहुरेंगे और चौतरफा हुए अतिक्रमण जिलाधिकारी संज्ञान में लेंगे। जैसा कि उन्होंने स्वयं दावा और वादा किया है।
विदित हो कि नेशनल हाईवे व पुरानी बाजार को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग से सटा सडसा बाबा का प्राचीन पोखरा है। उक्त सड़क से प्रतिदिन हजारों लोगों का आगमन होता रहता है। पोखरे में अधिक गंदगी व उससे उठने वाले दुर्गंध लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। दुर्गंध का आलम यह है कि उक्त सड़क से गुजरने वाले लोग मुंह ढक कर गुजरने को विवश है। लेकिन नगर पंचायत इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। लोगो का कहना है कि पोखरे चारों तरफ से अतिक्रमण की चपेट में है और लगातार उसका दायरा अतिक्रमण के कारण सिकुड़ता जा रहा है। इतना ही नहीं पोखरे में चारों तरफ से घरों का गंदा पानी बहाया जा रहा है। कूड़ा-करकट व राख आदि फेंककर उसे अतिक्रमित किया जा रहा है। लोगों ने पोखरे की सफाई के लिए नगर पंचायत कर्मचारियों द्वारा कई बार शिकायत किया गया। बावजूद कर्मचारी पोखरे की सफाई नहीं कराते है। यही कारण है कि पोखरे से उठने वाले दुर्गंध से संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। यदि जल्द ही पोखरे की सफाई नही कराई गई तो हम लोग आंदोलन को बाध्य होंगे।

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