शहाबगंज ब्लाक में लापरवाही की भेंट चढ़ी परिषदीय विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था, जानें वजह
Young Writer, इलिया। शिक्षा विभाग के अधिकारी निर्धारित समय से परिषदीय विद्यालयों का संचालन होने का दावा कर रहे हैं लेकिन उनके दावे केवल कागजों तक ही सीमित दिख रहे हैं। सच्चाई यह है कि शहाबगंज विकास खण्ड के परिषदीय विद्यालयों में सुबह 09ः40 बजे तक विधालयों का ताला तक नहीं खुलता है।
शहाबगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सरैया में तैनात शिक्षकों के आने-जाने का समय भले ही विभाग ने निर्धारित कर रखा हो, लेकिन इनके ऊपर उसका कोई असर नहीं दिखता। शिक्षक नियम की धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी तरीके से विद्यालय आते-जाते हैं। शासन के आदेश व नियमों से इनका कोई लेना-देना नहीं है। जिससे परिषदीय विद्यालयों की स्थिति दिन प्रति दिन बदहाल होती जा रही है। इनकी उदासीनता के कारण सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे है। सरकार शिक्षा स्तर सुधारने का पूरा प्रयास कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर सके और उनकी शिक्षा स्तर सुधार हो सके। सरकार शिक्षकों को वेतन व बच्चों को यूनिफार्म शूज पर करोड़ो रूपये खर्च करती है, लेकिन जब शिक्षा देने वाले शिक्षक ही समय से विद्यालय न पहुंचे और अपनी जिम्मेदारियों का ढंग से न निभाये तो सरकार की शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की मंशा कैसे पूरी होगी। देखा जाये तो यह शहाबगंज बीआरसी के अंतर्गत विद्यालयों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। यहां शिक्षक हमेशा देर से आते है और जल्दी चले जाते है। वहीं समय से विद्यालय न खुलने से विद्यालय आने वाले छोटे छोटे बच्चे सड़क पर ही खड़े रहते हैं, जिससे कभी भी कोई सड़क दुर्घटना हो सकती है। लेकिन विद्यालय के जिम्मेदार लोग इस विषय पर ध्यान नहीं देते। इस कारण यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर पड़ रहा है।