एक सफाई कर्मी के सहारे शहाबगंज की सफाई व्यवस्था
Young Writer, शहाबगंज। कस्बा की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है। नालियों का गंदा पानी सड़कों सड़कों पर फैलकर बह रहा है। वहीं जगह-जगह कूड़ा करकट का अम्बार जमा हो गया है। गंदगी के कारण कस्बा में संक्रामक बिमारी फैलने की आशंका पैदा हो गयी है।वही शाम होते ही मच्छरों के कारण दुकान बंद होने लगते है। जिसका सीधा असर दुकानदारी पर भी पड़ने लगा है। कस्बा की लगभग सात हजार की आबादी है।यहां छोटी बड़ी सैकड़ों की संख्या में दुकाने चलती है। इनके अलावा यूनियन बैंक, जिला सहकारी बैंक व आयुर्वेदिक अस्पताल के साथ स्कूलों का संचालन होता है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना होता है। वहीं आसपास के गांवों से भी लोग खरीदारी करने आते है। इतनी बड़ी आबादी के लिए साफ सफाई की जिम्मेदारी मात्र एक सफाई कर्मचारी के सहारे है। जिसका नतीजा होता है कि सफाई व्यवस्था पुरी तरह चौपट हो गयी है। कस्बा की बदहाल सड़क और गलियां भी गंदगी फैलाने में महती भूमिका अदा करती है। नालियां जाम होकर ओवरफ्लो हो रही है। गंदगी का असर यहां ब्यवसाय करने वाले दुकानदारों पर भी पड़ रहा है। वहीं गंदगी के कारण संक्रामक बिमारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है। जिसे लेकर कस्बावासियों में आक्रोश ब्याप्त है। कस्बा के पिंटू जायसवाल, राजेश यादव, गौरव जायसवाल, शिवानंद मौर्य, शशिकांत, गोपाल मोदनवाल, मिथिलेश मौर्य ने कहा कि साफ सफाई नहीं होने के कारण नालियां जाम होकर बजबजा रही है। इंटर कालेज से लेकर पंचायत भवन व हनुमान मंदिर तक यही हाल है। जिसका सीधा असर दुकानदारी पर भी पड़ रहा है। वही ग्रामप्रधान रामजीत साहनी ने कहा कि संसाधन सीमित है। वहीं मात्र एक सफाई कर्मी भी नियुक्त है जिसके कारण समस्या हो रही है। बजट आने के साथ जर्जर गलियों के मरम्मत कराने का कार्य किया जायेगा। सफाई व्यवसाय दुरुस्त कराने के लिए नाली का निर्माण कराया जायेगा।