सोन बालू की जगह कर्मनाशा नदी के बालू का हो रहा प्रयोग
Young Writer, शहाबगंज। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में बन रहे कोविड वार्ड का निर्माण में मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही है।व हीं निर्माण कार्य भी बेरोकटोक जारी है। ऐसी दशा में भवन की मजबूती पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन की ढिढ़ोरा पीट रही है, लेकिन उनके अधिनस्त उनके आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शहाबगंज का है।जहां कोरोना महामारी की तिसरी लहर को देखते हुए।स्वास्थ्य विभाग लखनऊ द्वारा 6 बेड का कोविड वार्ड 9.60 लाख रुपये से बनाया जा रहा है।लेकिन भवन के निर्माण में एक नंबर ईट की जगह दो नंबर ईट का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है।वही मोटा बालू की जगह कर्मनाशा नदी के बालू का प्रयोग किया जा रहा है।जिससे भवन की गुणवत्ता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे।ऐसी दशा में भवन कितना मजबूत बनेगा कहा नहीं जा सकता। वहीं ठेकेदार से इस बारे में बात करने पर उन्होंने भूसी से ईट पकाये जाने के कारण इसी तरह की ईट मिलने की बात कही। जबकि प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. हीरा सिंह ने कहा कि भवन निर्माण में दोयम दर्जे की ईट का प्रयोग हुआ। लेकिन टेंडर लखनऊ से हुआ है। इसलिए इस बारें में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
