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Monday, July 7, 2025

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चंदौली में तेजी से जनाधार खो रही बसपा

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Young Writer, चंदौली। जनपद में बसपा तेजी से अपना जनाधार खोती जा रही है। हाल-फिलहाल सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि अब बसपा के बाद किसी भी वर्ग का वोट नहीं रह गया है। हालांकि बसपा का टिकट वितरण जातीय समीकरण के हिसाब से बेहद शानदार रहा। बावजूद इसके बसपा चंदौली में खाता नहीं खोल पायी और चारों सीटों पर चित्त हो गयी। जबकि पूर्व के आंकड़े बताते हैं कि कभी बसपा की चंदौली में बादशाह थी, लेकिन आज बसपा प्रत्याशी अपने जमानत को बचाने के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं। अबकी बार मुगलसराय विधानसभा में जमानत जब्त हो गई। बसपा प्रत्याशी इरशाद अहमद को विधानसभा में पड़े कुल वैध मतों के छठवें हिस्से के बराबर भी वोट नहीं मिल सका। पार्टी उम्मीदवारों ने चकिया, सैयदराजा व सकलडीहा में किसी तरह अपनी जमानत बचाई।
विधानसभा चुनाव-2022 में जनपद के चारों सीटों पर बसपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। स्थिति इतनी खराब रही कि बसपा उम्मीदवार कहीं भी 50 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर सके। सबसे खराब स्थिति मुगलसराय विधानसभा की रही। यहां से बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे इरशाद अहमद को मात्र 31,602 वोट ही मिले। यहां कुल 239376 वैध मत पड़े थे। इस लिहाज से 39896 से अधिक मत पाने वाले प्रत्याशियों की ही जमानत बच सकती है। इस लिहाज से मुगलसराय में बसपा प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके। सैयदराजा विधानसभा में बसपा प्रत्याशी अमित यादव लाला को 36848 मत मिले और वह अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए, जबकि वहां ठीकठाक दलित मतदाता हैं और उन्हें यादव वर्ग में सेंधमारी करने की उम्मीदें राजनीतिक पंडित लगा रहे थे, लेकिन वह अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। इसी तरह सकलडीहा में बसपा प्रत्याशी 43756 मत प्राप्त कर जीत के संघर्ष में खुद को बनाए रखा। चकिया विधानसभा की बात करें प्रत्याशी विकास आजाद 44530 मत प्राप्त किया।

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