अकबर नगर की घटना योगी सरकार के बुलडोजर राज का प्रमाण
Young Writer, चंदौली। मोदी सरकार के तीन आपराधिक कानून (क्रिमिनल कोड) के क्रियान्वयन तथा लखनऊ के अकबरनगर में 1200 परिवारों के घरों को बुलडोजर लगाकर गिराने के खिलाफ भाकपा(माले) ने राष्ट्रव्यापी आह्वान पर सोमवार को बिछिया धरनास्थल पर एक दिवसीय धरना दिया।
इस दौरान जिला सचिव अनिल पासवान ने कहा कि मोदी सरकार के तीन नए कानून (क्रिमिनल कोड) औपनिवेशिक काल के कानूनों से भी ज्यादा दमनकारी बना दिये गए हैं। ये कानून हैं भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, जो क्रमशः भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे। इन कानूनों के कार्यान्वयन पर विराम लगाने और उन्हें उचित परीक्षण व विचार-विमर्श के लिए संसद में फिर से पेश करने की मांग की जाएगी। इन्हें जल्दबाजी में पारित किया गया था, जब 146 विपक्षी सांसद निलंबित थे।
कहा कि लखनऊ के अकबरनगर में सुंदरीकरण और रिवर फ्रंट बनाने के लिए, कुकरैल नदी किनारे दशकों से बसे गरीब परिवारों के आशियाने पर, मुख्यमंत्री योगी का भीषण बुल्डोजर अभियान चला। करीब 1200 परिवारों के घरों पर बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। अकबरनगर के बाद अब बुल्डोजर अबरार नगर, खुर्रमनगर सहित लखनऊ की दूसरी गरीब बस्तियों पर चलने की तैयारी में है। लखनऊ ही नहीं, अयोध्या सहित अन्य जिलों में भी गरीबों-किसानों-छोटे कारोबारियों की बेदखली हो रही है।
श्रवण मौर्य ने कहा कि चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हो रही सोनू उर्फ पाखंडू हत्या कांड, साकिब उर्फ निहाल हत्या कांड का खुलासा करने की बजाय अलीनगर पुलिस टालमटोल कर रही है। चकिया तहसील क्षेत्र के बैराठ फार्म से जुड़े तमाम सवालों को हल करने की मांग उठाई। विरोध दिवस के माध्यम से गरीबों की बेदखली रोकने, दमनकारी बुल्डोजर राज पर रोक लगाने, गरीब बस्तियों का नियमितीकरण करने, अकबरनगर के विस्थापितों को पर्याप्त क्षतिपूर्ति के साथ निःशुल्क मकान व नागरिक सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की।
अंत में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। धरना शशिकांत सिंह, विजई राम, रमेश राय, उमा चौहान, पार्वती वनवासी, कृष्णा राय, श्यामदेयी, मेहदी हसन, चंद्रभान कुशवाहा, हरिशंकर विश्वकर्मा, इंद्रजीत कुशवाहा, संजय यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। अध्यक्षता रामदुलार बिंद तथा संचालन अनिल यादव ने किया।