राज्यसभा जाने वाली जनपद की पहली महिला नेता बनीं दर्शना सिंह
Young Writer, चंदौली। चंदौली की भाजपा नेत्री दर्शना सिंह के राज्यसभा सांसद बनने से उनके समर्थकों व भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न जैसा माहौल रहा। वाराणसी से अलग होकर स्वतंत्र जिला बनने के बाद दर्शना सिंह चंदौली की पहली नेता हैं जो राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करेंगी। पार्टी में समर्पण, त्याग और सक्रियता के चलते दर्शना सिंह ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

विदित हो कि दर्शना सिंह जनपद की पहली महिला नेता हैं जो राज्यसभा सदस्य के तौर पर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगी। इसके पहले जब चंदौली वाराणसी का हिस्सा हुआ करता था लोकप्रिय नेता कमलापति त्रिपाठी राज्यसभा सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त चकिया के रत्नाकर पांडेय और सुधाकर पांडेय को भी राज्यसभा जाने का मौका मिला था। सुधाकर पांडेय 1980 से 1986 तक राज्यसभा सांसद रहे। सकलडीहा बट्ठी के श्यामलाल यादव भी राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। वे राज्य सभा में उपसभापति भी रहे। वाराणसी से अलग होने के बाद चंदौली से किसी भी नेता को राज्यसभा जाने का मौका नहीं मिला। दर्शना सिंह के राज्यसभा सांसद चुने जाने के बाद यह क्रम टूटा है। दर्शना सिंह ने राजनीतिक सफर की शुरूआत चंदौली बीजेपी महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष के रूप में की। इसके बाद इन्हें क्षेत्रीय मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। बाद में कद और बढ़ा तो महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष के बाद महिला मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। अब पार्टी ने इन्हें राज्यसभा का टिकट दिया है। दर्शना सिंह का ससुराल चंदौली के धीना क्षेत्र के चखनियां में है। वहीं प्रमाण पत्र मिलने के बाद जनपद के कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है।