Young Writer, सकलडीहा। कस्बा के पोस्ट ग्रेजुएट कालेज में रविवार को एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एपीजे अब्दुल कलाम आजाद सभागार में भारत लोकतंत्र की जननी पर प्रकाश डालते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डा.प्रदीप कुमार पांडेय ने किया। विशिष्ट अतिथि उपजिलाधिकारी सकलडीहा रहे। गोष्ठी में महाविद्यालय के शिक्षण संकाय एवं यूजीपीजी के छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष डा.दयाशंकर यादव ने कहा कि लोकतंत्र बहुमत का शासन है। इसलिए शिक्षित जागरूक सजग नागरिक ही लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं। भारतीय लोकतंत्र जन चेतना बुद्धि और जागरूकता से ही सरकार की सफलता या विफलता निर्धारित होती है। भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के विश्वव्यापी प्रशंसा प्राप्त है फिर भी भारतीय लोकतंत्र के सुचारू कामकाज में कई बाधाएं हैं जिनमें निरक्षरता लिंग भेदभाव गरीबी सांस्कृतिक और समानता राजनीतिक प्रभाव जातिवाद और सांप्रदायिकता शामिल है जो भारत के लोकतंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.उदय शंकर झा ने कहा कि नित्य नूतन चिर पुरातन की धारणा की वजह से ही भारत में लोकतंत्र फल फूल रहा है आज हम सब को यह सोचने की आवश्यकता है कि भारतीय लोकतंत्र के प्रति आस्थावान कैसे बनाया जाए। दुनिया में लोकतंत्र की व्यवस्था भारत में पौराणिक व्यवस्था से ही लिया गया है और यह सत्य है भारत ने ही दुनिया को राह दिखाई। प्राचार्य प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा कि हर भारतीयों के रग-रग में लोकतंत्र बसता है। आज का यह विषय भारत लोकतंत्र की जननी है यह वक्तव्य डा.विनय सहस्त्रबुद्धे अध्यक्ष भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्राचीन भारत में लोकतंत्र की जड़ें सिद्धांत और व्यवहार विषय पर आयोजित संगोष्ठी में दिया था। कहा कि हम सब की यह जिम्मेदारी है कि देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में अपना योगदान दें देश के अमृत महोत्सव काल में देशभर में हो रही आज की संगोष्ठी पर हुई विस्तृत चर्चा से अवश्य ही नए नए आयाम सामने आएंगे जो लोकतंत्र की जड़ों को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएंगे। एसडीएम सकलडीहा ने कहा की भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक राज्य का वादा करता है जो हम भारतीयों को सभी प्रकार का अधिकार प्रदान करता है। धन्यवाद ज्ञापन डा. संदीप मिश्रा व संचालन डा. अभय कुमार वर्मा ने किया।

