Young Writer, डीडीयू नगर। विकास खंड सभागार में बृहस्पतिवार की देर शाम उस समय हंगामा हो गया। जब क्षेत्र पंचायत की ओर से विकास कार्यों के लिए निकाले गए टेंडर को लेकर ठेकेदारों ने विरोध कर दिया। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष से जुड़े एक जनप्रतिनिधि के दबाव में आकर टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करवा दिया गया।गत दिनों विकासखंड क्षेत्र के गांवों में प्रस्तावित 117 विकास कार्यों के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। जिनके लिए 115 अलग-अलग फर्मों ने आवेदन जमा किया था।
ठेकेदारों ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहा।वावजुद राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते इसे रद्द कर दिया गया। ठेकेदारों ने बताया कि 3 सितंबर को निविदा जमा करने की अंतिम तिथि थी। उसी दिन देर शाम तक टेंडर निकाले जाने थे। आरोप लगाया कि जब टेंडर फॉर्म जमा किया गया था। तब उस समय सभी कागजात की कॉफी फॉर्म के साथ लगाई गई थी। अचानक 4 सितंबर की शाम बगैर उन्हें सूचना दिए ब्लॉक की ओर से सभी फार्माे की जांच पड़ताल की जाने लगी। जिसमें कागजों की कमी बता कर उसे निरस्त किया गया। इसे लेकर मौके पर पहुंचे कुछ ठेकेदारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि के हस्तक्षेप के कारण कागजों में कमी दिखाकर टेंडर निरस्त किए गए हैं। जांच के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई की मौके पर पुलिस बल को बुलाया गया। तब जाकर स्थिति सामान्य हो सका।
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बाबूलाल यादव ने कहा कि ठेकेदारों का कहना है कि जब वे टेंडर फॉर्म जमा किए तब एफडीआर की फोटो कॉपी लगाई गई थी। बावजूद जांच में किसी फॉर्म में एफडीआर की कॉपी नहीं पाई गई। इसमें सत्तापक्ष के स्थानीय जनप्रतिनिधि के दबाव में अधिकारियों ने काम किया है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप कर टेंडर निरस्त न करने की मांग की है। इस संध में बीडीओ रूबेन शर्मा ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में समय पर ठेकेदार उपस्थित नहीं हुए थे। इसलिए समय बढाकर शाम 7 बजे किया गया। फॉर्म जांच में तकनीकी खामियां पाई गईं, जिसकी जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।