35.1 C
Chandauli
Monday, July 7, 2025

Buy now

सरोवर की शोभा बढाने वाले कमल के समान है सत्संगः संतदास

- Advertisement -

Young Writer, चहनियां। क्षेत्र के मारूफपुर स्थित बाबा कीनाराम मठ रामशाला परिसर में आयोजित सात दिवसीय संगीत मय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को अयोध्या के संत, संतदास महाराज ने कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति में कोई अन्तर नहीं है। निर्गुण भक्ति के बारे में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि बिनु पग चलहि श्रवही बिनु काना। अर्थात निर्गुण ब्रह्म बिना पैर के चलता है बिना मुख के बोलता है बिना कान के सुनता है बिना हाथ के कार्य करता है। उसी प्रकार सगुण ब्रह्म भी सगुण ब्रह्म भी अपने सांकेतिक रूप में जगत कल्याण के लिए अवतार लेकर अपने कार्यों को मूर्त रूप देता है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार तालाब की सुन्दरता उसमें खिलने वाले कमल पुष्पों से है उसी तरह से जल में शयन करने वाले ब्रह्म सगुण रूप धारण कर संसार की सुन्दरता बढ़ाते है और उनकी कथा श्रवण रूपी सत्संग से मनुष्यों की शोभा बढ़ती है। कथा में संतदास महाराज ने ब्रह्म मीमांसा निरूपण का सजीव चित्रण करते हुए श्रीमद्भागवत कथा की महत्ता के साथ राजा परीक्षित के जीवन चरित्र पर सूक्ष्मता से विचार किया। इस दौरान तिलकधारी शरण दास, सूबेदार मिश्र, राममूरत पाण्डेय, जयशंकर मिश्र, जगदीश पांडेय, संतोष पांडेय, हरिओम दुबे, प्रवीण पाण्डेय, अनिल यादव, रमाशंकर यादव, सुरेश पाण्डेय, विवेक दास उपस्थित रहे।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights