एक दशक से शोपीस बना चंदौली जिला अस्पताल का आईसीयू! 

चंदौली जिला अस्पताल परिसर स्थित आईसीयू भवन।
चंदौली जिला अस्पताल परिसर स्थित आईसीयू भवन।

चंदौली में आइसोलेशन वार्ड के रूप में किया जा रहा है इसका प्रयोग

Young Writer, चंदौली। मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय में गंभीर मरीजों के बेहतर इलाज के लिए आईसीयू की स्थापना की गई। लेकिन भवन बनकर तैयार होने के बाद भी मानव संसाधन के अभाव में आज तक इसका संचालन नहीं हो पाया। आईसीयू का संचालन नहीं होने से दुर्घटना में गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल की ओर से वाराणसी रेफर कर दिया जाता है, जिससे कई मरीजों की रास्ते में मौत हो जाती है, वहीं अधिकांश को तमाम तरह की दुश्वारियों का दंश झेलना पड़ता है। साथ ही उन्हें बड़ी आर्थिक क्षति भी होती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिला प्रशासन, जिले के जनप्रतिनिधि व सरकार को जनता जिम्मेदार मान रही है।

विदित हो कि मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 20 से 25 की संख्या में मरीज प्रतिदिन विभिन्न रोगों से ग्रसित भर्ती भी होते हैं। यहां चिकित्सकों के साथ-साथ कर्मचारियों की व्यवस्था है, लेकिन अभी भी आईसीयू भवन का संचालन मानव संसाधन के अभाव में एक दशक से अधिक समय से लटका पड़ा हुआ। फिलहाल इस भवन को कोरोना काल से आइसोलेशन वार्ड के रूप प्रयोग किया जा रहा है। विभाग का दावा है कि जल्द ही आईसीयू का संचालन शुरू करा दिया जाएगा। आईसीयू भवन के अभाव में खासकर गंभीर रूप मरीजों को अस्पताल में उपचार नहीं मिल पाता और उन्हें वाराणसी के लिए रेफर कर दिया जाता है। कई बार तो ऐसा भी देखा गया है कि मरीज वाराणसी पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। विभाग की इस लापरवाही को लेकर जनता में जबदरस्त आक्रोश व्याप्त है। इस बाबत सीएमएस डा. उर्मिला सिंह ने कहा कि आईसीयू के संचालन के लिए जो कमियां है उसे दूर करने के लिए शासन को अवगत कराया गया, ताकि जल्दी से इस समस्या को दूर कर लिया जाए।