Young Writer, Varanasi : पहडिया स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के चेयरमैन ई0 अंकित मौर्य वाइस चेयरमैन डा0 अमित मौर्य के कुशल नेतृत्व में संस्थान के बीटेक विद्युत एवं यांत्रिक विभाग के छात्रों का प्रयागराज के फूलपुर स्थित इफ्को संयत्र में एक दिवसीय शैक्षिक भ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
अशोका इंस्टीट्यूट के बीटेक के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग की ओर से शैक्षिक भ्रमण पर इफ्को संयत्र प्रशिक्षण केन्द्र के अधिकारी आर0के0 पाण्डेय एवं अनुराग तिवारी द्वारा छात्रों को नैनो यूरिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बात यह है नैनो यूरिया जिसका उत्पादन पूरे विश्व में केवल इफ्को में ही किया जा रहा है इसकी खास बात यह है कि नैनो यूरिया से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढने के साथ ही साथ फसलों के उत्पादन में भी बढोत्तरी हो रही है जिससे किसानों को काफी लाभ हो रहा है ।
इफको के कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया ने छात्रों को बताया नैनो यूरिया तरल फार्म में होती है जो 45 किलोग्राम की खाद की बोरी की तुलना में काफी सस्ती होती है और इससे फसल का उत्पादन पहले की तुलना में काफी ज्यादा होता है। नैनो यूरिया की 500 एम0एल0 की एक बोतल से फसल को 90प्रतिशत का फायदा होता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर कोई असर नहीं पडता वहीं 45किलो यूरिया की एक बोरी से फसल को केवल 40 प्रतिशत का ही लाभ होता है और मिटृटी की उर्वरा शक्ति पर विपरीत असर पडता है।
छात्रों ने इफ्को संयत्र के नियंत्रण कक्ष में नई तकनीकि एवं सॉफटवेयर के साथ नैनो यूरिया उत्पादन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की और उत्पादन के बारे में जाना जो कि प्रतिदिन 100 किलो लीटर यानी दो लाख बोतल प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है । इफको प्रशिक्षक केन्द्र के टेक्नीशियन डा. संजय ने बताया कि प्रतिदिन 5000 मिट्रिक टन यूरिया खाद का उत्पादन यहां होता है जो एक बहु राज्य सरकारी समिति है और बडे पैमाने पर उर्वरक के उत्पादन एवं विपणन में शामिल है। इस शैक्षिक भ्रमण में अशोका इंस्टीट्यूट के अध्यापक ई0 संतोष कुमार ई0 सुरेन्द्र कुशवाहा अखिलेश मौर्य एवं प्रदीप कुमार मौर्य के नेतृत्व में छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारी मिली उससे वे काफी उत्साहित हुए ।