Young Writer, चंदौली। न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम की अदालत ने नौगढ़ थाने में वर्ष-2019 में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या-29 की सुनवाई की। इस दौरान न्यायालय ने विशेष सत्र परीक्षण संख्या-73/2019 के दरम्यान अभियोजन व बचाव पक्ष के गवाहों को सुना और साक्ष्यों का अवलोकन किया। इसके उपरांत न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अभियोजन अभियुक्तों के विरूद्ध लगाए गए आरोप अंतर्गत धारा-363, 366 एवं धारा-7/8 पाक्सो एक्ट में आरोप साबित साबित करने में असफल रहा है। लिहाजा न्यायालय आरोपियों को उपरोक्त आरोपों से दोषमुक्त करती है। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शफीक खान ने तर्क प्रस्तुत किया।
विदित हो कि वादी मुकदमा की तहरीर थाना-नौगढ़ में 24 जून 2019 को मुकदमा अपराध संख्या-29/2019 पंजीकृत की गयी, जिसमें पीड़िता के पिता ने उल्लेख किया कि उसकी नाबालिग पुत्री को गांव के गणेश चौरसिया व रामवृक्ष यादव भोर में बहला-फुसला कर कहीं ले गए। मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद नौगढ़ पुलिस ने विवेचना के दौरान पीड़िता को बरामद किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर उनका बयान दर्ज किया। दौरान विवेचना पुलिस ने पीड़िता को उसके पिता व चाचा द्वारा घर वापस ले जाने से मना कर देने के कारण उसे न्यायालय के आदेश पर देखरेख संरक्षण हेतु जैतपुरा वाराणसी में रखा गया। इस मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम की अदालत ने सुनवाई के बाद 20 फरवरी को जारी अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त गणेश चौरसिया व रामवृक्ष यादव को विशेष सत्र परीक्षण संख्या-73/2019, मुकदमा अपराध संख्या-29/2019, थाना-नौगढ़, जनपद-चंदौली में धारा-363, 366 आईपीसी व धारा-7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 के आरोपों से दोषमुक्त किया जाता है। अभियुक्त जमानत पर हैं। उनके व्यक्तिगत बंधपत्रों एवं प्रतिभूतिओं को निरस्त किया जाता है एवं उनके प्रतिभूओं को उनके दायित्वों से उन्मोचित किया जाता है।