परिवार को समृद्धि व संस्कार सौंपकर दुनिया को अलविदा कह गए रामअवध सिंह
माधोपुर के किसान परिवार में जन्मे रामअवध सिंह अपने पीछे छोड़ गए भरा पूरा परिवार
Young Writer, चंदौली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के 80 वर्षीय पिता रामअवध सिंह ने बुधवार की अलसुबह हेरिटेज अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह विगत एक पखवारे से फेफड़े में संक्रमण संबंधित बीमारी से ग्रसित थे। उनके निधन की सूचना से ही पूर्व विधायक के परिजनों के साथ ही उनके शुभचिंतकों व रिश्तेदारों में शोक की लहर दौड़ गई। निधन के बाद शव को उनके पैतृक गांव माधोपुर लाया गया, जहां अंतिम दर्शन के लिए लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। उनका अंतिम संस्कार धानापुर के गुरेनी गंगा घाट पर होगा। मुखाग्नि उनके पुत्र सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू देंगे।

विदित हो कि मनोज सिंह डब्लू के पिता रामअवध सिंह का जन्म किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने खेती-किसानी को अपनाने के साथ ही परिवार को भी संस्कारों से सींचा और परिवार को आर्थिक मजबूती भी दी। उन्होंने अपनी जन्मभूमि से जुड़ाव को कायम रखते हुए हैदराबाद, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे व्यवसायिक शहरों में अपने कारोबार को स्थापित करके एक कुशल उद्यमी की भूमिका से भी समाज को परिचित कराया। उन्होंने अपने परिवार को समृद्धि के साथ ही संस्कारों को विरासत में सौंपा, जिससे उनका परिवार आज भी एकता की मिसाल के तौर पर देखा जाता है।

उन्होंने अपनी मौजूदगी में ही अपने इकलौते पुत्र सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू व अपने पौत्र प्रशांत सिंह को अपनी विरासत सौंपने का दायित्व भी बखूबी निभाया। पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि वह अपनी पुत्री मीना सिंह ‘गुड़िया’ से मुलाकात करने के लिए तेलंगाना से चंदौली आए और अचानक उनकी सेहत बिगड़ गयी। ऐसे में उन्हें 11 नवंबर को वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सा परीक्षण के उपरांत चिकित्सकों ने फेफड़े के संक्रमण संबंधित समस्या होना बताया और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसके बाद उनकी तबियत निरंतर बिगड़ती चली गयी।

हालांकि चिकित्सकों की निगरानी और बेहतर दवा-ईलाज से उनके सेहत में सुधार आया, जिससे परिवार के लोगों के मायूस चेहरे में खुशियां लौटने लगी, लेकिन 26 नवंबर की भोर में उनकी तबियत फिर से बिगड़ती और उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। निधन के बाद उनके शव को माधोपुर स्थित पैतृक गांव ले जाया गया, जहां उनके अंतिम दर्शन को लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। परिवार-रिश्तेदारों के साथ ही उनके समर्थक व जानने वाले लोगों ने नम आंखों से स्वर्गीय रामअवध सिंह को अंतिम विदाई दी।

