डीडीयू नगर‚ चंदौली। E ticketing के अवैध खरीद बिक्री की सूचना के आधार पर मवई खुर्द इस्लामपुर चंदौली निवासी मो शहीम को पूछताछ हेतू रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू पर बुलाया गया। जिसने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह काली महल स्थित जन सेवा केंद्र दुकान में काम करता है और वहीं पर अवैध e ticket का कारोबार करता है तत्पश्चात उपनिरीक्षक अमरजीत दास साथ प्रधान आरक्षी योगेंद्र बहादुर सिंह, आरक्षी अच्छे लाल यादव सभी रेलवे सुरक्षा बल की टीम के साथ काली महाल स्थित ग्राहक सेवा केंद्र पर पहुंचे और दबिश दी।
इस दौरान दुकान मालिक इश्तियाक अहमद मौके पर मौजूद मिला। पूछताछ में उसने रेलवे सुरक्षा बल को बताया कि वह विद्यार्थियों का आनलाइन फार्म‚ पैन कार्ड‚ विधवा पेंशन सहित सरकार की ओर से संचालित तमाम कल्याणकारी योजनाओं का फार्म भरने का काम करता है। इसके अलावा रेलवे टिकट का भी काम उसके द्वारा किया जाता है। इसके बाद सुरक्षा बल ने कम्प्यूटर को खंगाला तो 28 ई–टिकट व्यक्तिगत आईडी पर जारी पाया गया‚ जिसकी कीमत करीब 34266 रुपये बताया गया। काउंटर से नकद 370 रुपये बरामद हुआ। पूछताछ पर बताया कि उसने अपना पर्सनल आईआरसीटीसी तीन यूजर आईडी बनाकर ई- टिकट निकालता है। जिसे वह अधिक दाम पर बेच देता हूं। रेलवे के ई टिकट बनाने में प्रयुक्त एक कंप्यूटर सेट, एक रेडमी का मोबाइल तथा एक प्रिंटर को जप्त कर पकड़े गए दोनों अभियुक्तों को उनके जुर्म से अवगत कराकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट पर लाया गया। उक्त अभियुक्त के विरुद्ध धारा अंतर्गत 143 रेल अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया गया। उक्त मामले की जांच का जिम्मा उपनिरीक्षक अश्विनी कुमार को सौंपा गया। रेलवे सुरक्षा बल की इस कार्यवाही से अवैध टिकटिंग के कारोबार में लिप्त आनलाइन इंटरनेट सेवा प्रदाताओं व जनसेवा केंद्रों पर हड़कंप मचा हुआ है।