32.7 C
Chandauli
Friday, July 4, 2025

Buy now

Chandauli News: पर्यटन स्थल राजदरी में अधिक रेट पर बेचे जा रहे खाने-पीने का सामान

- Advertisement -

राजदरी जलप्रपात स्थित कैंटीन में खुलेआम हो रही ओवर रेटिंग

Young Writer, Chandauli: राजदारी जलप्रपात, जहां लोग प्रकृति के सौंदर्य और सुकून की तलाश में आते हैं, अब वहां से शोषण और लूट की शिकायतें सामने आ रही हैं। पर्यटकों का आरोप है कि वन विभाग के संरक्षण में संचालित कैंटीन में खाने-पीने की वस्तुओं पर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं, वह भी बिना किसी रेट लिस्ट के।

कैंटीन में पानी, चिप्स, कोल्डड्रिंक जैसी वस्तुएं प्रिंट रेट से अधिक मूल्य पर बेची जा रही हैं। पर्यटकों का कहना है कि जब वह परिसर में प्रवेश करते हैं, तो उनसे पहले प्रवेश शुल्क व पार्किंग शुल्क वसूला जाता है और उसके बाद कैंटीन में उनकी जेब पर सीधा डाका डाला जाता है। आरोप है कि बिना रेट लिस्ट, पर्यटकों से खाने-पीने के सामान के लिए खुलेआम अधिक पैसे लिए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि पानी की बोतल 20 की जगह 25 में, चिप्स 10 की जगह 15-20 में, कोल्ड ड्रिंक 40 की जगह 50-60 में बेची जा रही है। कैंटीन पर कोई रेट लिस्ट या दामों की जानकारी चस्पा नहीं की गई।

पर्यटक जाबिर खान ने बताया कि यहां तो हर जगह पैसा देने के बाद भी लूट हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी कैंटीन में होती है, जहाँ एमआरपी से ज्यादा वसूली की जाती है। रेट पूछो तो झिड़क देते हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 और कानूनी माप विज्ञान नियम 2011 के तहत  किसी भी वस्तु को एमआरपी से अधिक दाम पर बेचना अपराध है। रेट लिस्ट का प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है। दोषी पाए जाने पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है। वर्षों से यह लूट चल रही है, लेकिन अब तक न तो किसी पर कार्रवाई हुई और न ही कोई पारदर्शिता दिखाई गई। विभागीय मिलीभगत की बात क्षेत्र में आम चर्चा का विषय है।

वन दरोगा रिशु चौबे ने कहा कि मैं कोई पुलिस नहीं हूँ जो ओवर रेटिंग की जांच करूं। उक्त कैंटीन मेरे विभाग के अधीन नहीं है। उसका टेंडर उत्तर प्रदेश वन निगम की ओर से हुआ था। ओवर रेटिंग को लेकर मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती और वन विभाग का उस कैंटीन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में पर्यटक सवाल कर रहे हैं कि अगर मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारी इस प्रकार से जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहेंगे तो फिर कैंटीन में हो रहे इस तरह के आर्थिक शोषण पर अंकुश कौन लगाएगा?

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights