जन औषधि केंद्र की दवाओं को बेकार बता कर तथा जन औषधि की दवा लौटा कर डॉक्टर लिख रहे बाहरी दवाएं
Young Writer, धानापुर। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल जन औषधि केंद्र योजना को सरकारी अस्पताल में तैनात चिकित्सक पलीता लगा रहे हैं। हालत यह है अस्पताल में जन औषधि केंद्र होने के बाद भी चिकित्सक बाहर की दवाएं लिखने के पुराने ढर्रे पर कायम है, जिससे मरीजों की जेब ढिली हो रही है, वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों की जेब कमीशन से भरी हुई है जैसा कि समय-समय पर मरीजों और उनके तीमारदारों द्वारा आरोप लगाए जाते रहे हैं। अभी ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धानापुर का है। जहां जन औषधी केंद्र की दवाओं को चिकित्सक द्वारा लौटा कर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं।

गुरुवार को जब मरीज के द्वारा विरोध और हंगामा किया गया तो मामला पटल पर आया। पीड़ित राजेश विश्वकर्मा ने सीएमओ को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया कि सीएससी पर तैनात चिकित्सक डॉ अमरनाथ को दिखाने पहुंचे तो उन्होंने पर्ची पर कुछ दवाएं लिखी और कुछ दवाएं एक छोटी पर्ची पर लिख दिया। पूछने पर डॉक्टर ने बताया कि दवाएं बाहर मिलेगी। इस पर शिकायतकर्ता ने अस्पताल में जन औषधि केंद्र होने का हवाला दिया तो चिकित्सक ने जन औषधि केंद्र की दवाओं की बेकार करार दिया। इसके बात शिकायतकर्ता द्वारा बाहर मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीद कर अस्पताल आया और उन्हीं दवाओं के बारे में जन औषधि केंद्र पर पूछताछ किया तो सभी दवाएं 50% से 70%की छूट पर उपलब्ध मिली जिनकी कीमत 100 रुपये थी, जबकि वही दवाएं बाहर 250 रुपये में उसे खरीदनी पड़ी।

इसके बाद शिकायतकर्ता राजेश अपने साथी के साथ चिकित्सक के पास गया और दवाओं की उपलब्धता के बारे सवाल किया तो चिकित्सक जन औषधि केन्द्र पर दवाओं की उपलब्धता की जानकारी नहीं होने का हवाला देते हुए बचने का प्रयास करते दिखे। इससे खफा होकर शिकायतकर्ता ने चिकित्सक डॉ अमरनाथ की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और सीएमओ से उक्त प्रकरण पर गभीरता पूर्वक लेते और निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही किये जाने की मांग की है, ताकि आगे से मरीजों को बाहर की दवाएं लिखकर उनकी जेब पर डांका डालने का कृत्य न होने पाए। हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने साफ कहा कि अस्पताल की पर्ची पर चिकित्सक अंदर की दवाएं ही लिख सकते हैं। साथ ही उन्होंने बाहर की दवाएं लिखने और हंगामे की घटना शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त नहीं होने की बात कही। शिकायतकर्ता ने सीएमओ डा. वाईके राय को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया। साथ ही उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता जताई है।