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Monday, December 23, 2024

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अंजनी सिंह ने बदमाश की गोली से घायल सिपाही को दिया सम्मान

अंजनी बोले, अच्छे कार्य में मिलना चाहिए सम्मान



धानापुर। 6 अगस्त धानापुर क्रांति दिवस के अवसर पर समाजवादी चिंतक व जिला पंचायत सदस्य अंजनी सिंह ने बीते दिनों बदमाशों से मुठभेड़ में घायल सिपाही को अंगवस्त्रम भेंट करने के साथ ही माल्यार्पण कर सम्मानित किया। साथ ही थाने में ड्यूटी पर तैनात एसआई मुहम्मद सलीम एसआई मनेस कुमार दूबे, हेडकांस्टेबल राकेश यादव कांस्टेबल आशीष कुमार का भी सम्मान किया।
बताते चलें अंजनी सिंह भी भारतीय थल सेना सेना पुलिस कोर से रिटायर्ड हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों पर कोई भी आरोप लगा देता है, लेकिन पुलिस का जवान भी एक इंसान है जिन पर समाज में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कानून-व्यवस्था को बनाए रखने जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, जिसका निर्वहन वे अपने घर-परिवार को छोड़कर पूरी निष्ठा के साथ करते हैं। ऐसे में अच्छा काम व आचरण वाले पुलिस वालों को सम्मान मिलना चाहिए। पुलिस के हर अच्छे कार्यों की तारीफ करने पर पुलिस बल को सम्मान देना भी निहायत ही जरूरी है। इससे पुलिस का मनोबल बढ़ेगा और बेहतर ढंग से अपने कार्यों का निर्वहन करेंगे। कहा कि रूपेश दूबे को सम्मानित होते देख नए सिपाहियों में बेहतर करने की ललक बढ़ेगी। इस अवसर पर सदानंद खरवार, सुंदर बिंद, बबलू यादव, जयप्रकाश सिंह, राघवेंद्र सिंह मौजूद रहे।

भारत सरकार पिछड़ों को कर रही गुमराह

चंदौली। मुख्यालय स्थित बिछिया धरना स्थल पर सोमवार को आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला। जहां कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां सरकार के विरोध में भड़ास निकाली। अंत में ओबीसी जातिगत जनगणना कराने के संबंध में राष्ट्रपति के नाम प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर ने कहा कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को लोकसभा में जवाब दिया कि ओबीसी जातिगत जनगणना कराने के लिए फिलहाल सरकार आगामी 2021 की जनगणना जाति आधारित नहीं होगी।सरकार का यह फरमान पिछड़ो एवं वंचितों के कल्याण का विरोधी है । कहा कि किसी भी राष्ट्र का पुर्ण विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि हाशिए के समाज को विकास की मुख्यधारा से न जोड़ा जाए। कहा कि 1937 में हुई जाति – आधारित जनगणना के बाद से अभी तक जाति जनगणना नहीं हुई है । वर्ष 2011 की जनगणना में जातिगत आकड़ें एकत्र किए गए, लेकिन उसे जारी नहीं किया गया।सरकार ने लोगों के पैसे से टैक्स वसूल कर करोड़ों रूपए बर्बाद कर दिया ।सरकार झूठ बोल रही है कि पिछड़ों की जातिगत जनगणना कराए जाने से समाज अगड़ा – पिछडा में बट जाएगा। बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा। इस दौरान शैलेश कुमार, संगीता चौधरी,उमेश भारती, सोहन भारती,संपूर्णानंद, अनिल चौधरी, अजय कुमार, सिद्धार्थ,नवीन कुमार, दीपक कुमार, सुधीर कुमार, शमशेर, श्यामलाल बौद्ध आदि लोग उपस्थित रहे।

पुलिस ने 21 पशु को कराया मुक्त

सैयदराजा पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर जनपद में पशु तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे चेकिंग अभियान में सैयदराजा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान वाराणसी से बिहार के तरफ जा रही है ट्रक को रोका तो ट्रक चालक स्पीड तेज़ करने लगा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए नौबतपुर पुलिस बूथ के पास ट्रक को पकड़ लिया जिसमे 21 गोवंश बरामद किए पुलिस ने ट्रक को कब्जे में कर कोतवाली ले आई और आगे की कार्रवाई में जुट गई इस दौरान सैयदराजा थाने के प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत ने बताया कि प्रतिदिन की तरह रात्रि चेकिंग की जा रही थी रविवार की रात को मुखबिर की सूचना पर पता चला कि वाराणसी की तरफ से गोवंश लदी एक ट्रक बिहार की तरफ जा रही है जिसको घेराबंदी कर नौबतपुर पुलिस चौकी के पास से पकड़ लिया गया ट्रक में 21 गोवंश बरामद किए गए हैं लेकिन ट्रक चालक और अभियुक्त अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए ट्रक को कब्जे में कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है टीम में चेकिंग के दौरान देवेंद्र सिंह यादव विजय गौतम महाराणा प्रताप रामसूरत चौहान शामिल रहे।

महिला बनी पुलिस ठगी की शिकार

चन्दौली।डीडीयू जंक्शन पर जीआरपी सिपाही द्वारा ठगी का मामला सामने आया है. लूट के मामले में पकड़े गए युवक को छोड़ने के लिए जीआरपी के सिपाही ने आरोपित के परिवार से 42 हजार रुपए ले लिए. उसके बाद आरोपित को जेल भेज दिया. ऐसे में बेटे के जेल जाने के साथ ही हाथ से पैसे चले जाने से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. हालांकि मामले की जानकारी के बाद जीआरपी प्रभारी निरीक्षक इसके पटाक्षेप में लगे है.
पुलिस की ठगी का शिकार बनी महिला का आरोप है कि दो दिनों पूर्व डीडीयू जीआरपी के दिलदारनगर चौकी क्षेत्र से एक लुटेरे को गिरफ्तार किया था. जिसकी जानकारी के बाद आरोपित के परिजन उसे छुड़ाने के लिए जीआरपी डीडीयू पहुँच गए. वहां बातचीत के दौरान जीआरपी सिपाही ने उसे छोड़ने के एवज में पैसे की डिमांड की. बातचीत के दौरान 42 हजार रुपए में आरोपित को छोड़ने का करार हुआ. जिसके बाद सिपाही थाने से बाहर सर्कुलेटिंग एरिया में आकर पैसे ले गया. 
लेकिन पैसा के बावजूद पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया। जिसके बाद उन्हें वहाँ से जाने के लिए कह दिया गया. जब उन्होंने अपने पैसे वापस लेने की सोची तो वो सिपाही नदारद हो चुका था. ऐसे में बेटे को जेल और पैसों के वापस नहीं मिलने की स्थिति में परिजन स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में ही रोने बिलखने लगीं. महिला की चींख पुकार सुनकर मौके पर काफी भींड़ इकट्ठा हो गई. मौके पर पहुँची आरपीएफ महिला पुलिस उनको अपने साथ जीआरपी ले गई.गौरतलब है कि आरोपित के परिजनों ने कर्ज लेकर अपने और अपने गहने बेचकर किसी प्रकार 42 हजार इकट्ठा किया. उसके बाद आकर जीआरपी सिपाही से मिले. उस सिपाही ने अपने अधिकारी से बात कराई और आरोपित को कुछ देर में छोड़ने की बात कहते हुए पैसे लेकर चलते बने.हालांकि मामला बढ़ता देख जीआरपी प्रभारी निरिक्षक ए के दुबेे हस्तक्षेप करते हुए मामले के पटाक्षेप में जुट गए. उन्होंने बताया कि पुलिस ने नहीं बल्कि किसी वकील के महिला से पैसे लेने की बात सामने आई. जिसे वापस कराने का प्रयास किया जा रहा है।

16 अगस्त 1942 का धानापुर थाना काण्ड

स्वतंत्रता संग्राम के आखिरी दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के आह्वान पर 16 अगस्त 1942 को महाईच परगना के आन्दोलनकारीयों द्वारा जो कुछ किया गया वह कामयाबी और कुरबानी के नजरीये से संयुक्त प्रान्त (उत्तर प्रदेश) व भारत के बड़े काण्डों में से एक था, लेकिन इस काण्ड की उतनी चर्चा नहीं हो पाया जितनी होनी चाहिए थी क्योंकि इसकी प्रमुख वजह यह थी कि खुफिया विभाग द्वारा ब्रिटिश गवर्रनर को जो रिपोर्ट भेजा गया उसमें धानापुर (वाराणसी) के स्थान पर चानापुर (गाजीपुर) था। इतिहासकार डा0 जयराम सिंह बतात हैं कि ‘‘राष्ट्रीय अभिलेखागार नई दिल्ली की होम पोलीटीकल फाईल, 1942 में भी चानापुर (गाजीपुर) का उल्लेख है। जिसका संसोधन 1992 में किया गया। 16 अगस्त 1942 का धानापुर थाना कांड इस वजह से भी चर्चित नहीं हो पाया।’’
वाराणसी से तकरीबन 55 किलोमीटर पूरब में बसा धानापुर सन् 1942 में यातायात के नजरीये से काफी दुरूह स्थान था। बारिश में कच्ची सड़कें कीचड़ से सराबोर हो जाया करतीं थीं तथा गंगा नदी बाढ़ की वजह से दुर्लघ्य हो जाया करती थी। करो या मरो के उद्घोष के साथ 08 और 13 अगस्त 1942 को वाराणसी में छात्रों और नागरिकों ने ब्रिटिश हुकूमत के ताकत को पूरी तरह से जमींदोज करके सरकारी भवनों पर राष्ट्रध्वज तिरंगा फहरा कर आजादी का जश्न मनाया। जैसे ही यह खबर देहात अंचल में पहुंची तो वहां की आंदोलित जनता भी आजादी के सपनों में डूबकर समस्त सरकारी भवनों पर तिरंगा फहराने के लिए उत्सुक हो गया। महाईच परगना में सरकारी भवनों पर तिरंगा फहरासने का कार्यक्रम कामता प्रसाद विद्यार्थी के नेतृत्व में 09 अगस्त 1942 से ही शुरू हो गया था। 12 अगस्त 1942 को गुरेहूं सर्वे कैम्प पर, 12 अगस्त 1942 को चन्दौली के तहसील, थाना, डाकघर समेत सकलडीहां रेलवे स्टेशन पर तथा 15 अगस्त 1942 की रात में धीना रेलवे स्टेशन पर धावा बोले के बाद महाईच परगना में केवल धानापुर ही ऐसी जगह थी जहां सरकारी भवनों पर तिरंगा फहराना बाकी था।
अब आजादी का ज्वार लोगों को कंपा रहा था, लोग स्वतंत्र होने के लिए उतावले थें तथा कामता प्रसाद विद्यार्थी महाईच के गांवों में घूम-घुम कर लोगों को प्रोत्साहित कर रहे थें। 15 अगस्त 1942 को राजनारायण सिंह व केदार सिंह धानापुर पहुंच कर थानेदार को शान्तिपूर्वक तिरंगा फहराने के लिए समझाया मगर ब्रिटिश गुलामी में जकड़ा थानेदार किसी भी हाल में तिरंगा फहराने को राजी नहीं हुआ। तब जाकर 16 अगस्त 1942 को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महाईच परगना के लोग सुबह से ही कालीया साहब की छावनी पर एकत्र होने लगें। सरकारी आंकड़े के मुताबिक आन्दोलनकारीयों की संख्या प्रातः 11.00 बजे तक एक हजार तथा तीन बजे तक पांच हजार तक थी। तीन बजे के करीब विद्यार्थी जी, राजनारायण सिंह, मन्नी सिंह, हरिनारायण अग्रहरी, हरि सिंह, मुसाफिर सिंह, भोला सिंह, राम प्रसाद मल्लह आदि के नेतृत्च में करीब पांच हजार लोगों का समूह थाने की तरफ बढ़ा।
बाजार में विद्यार्थी जी ने लोगों से निवेदन किया कि वे अपनी-अपनी लाठीयां रखकर खाली हाथ थाने पर झण्डा फहराने चलें क्योंकि हमारा आन्दोलन अहिंसक है। पलक झपकते ही आजादी के खुमार में आहलादित जनता थाने के सामने पाकड़ के के सामने पहुंच गयी। महाईच परगना के सभी गांव के चैकीदार लाल पगड़ी बांधे बावर्दी लाठीयों के साथ तैनात थें उनके ठीक पीछे 7-8 सिपाही बन्दुकें ताने खड़े थें तथा इनका नेतृत्व थानेदार नंगी पिस्तौल लिए नीम के पेड़ के नीचे चक्कर काटकर कर रहा था। थाने का लोहे का मुख्य गेट बन्द था। राजनारायण सिंह ने थानेदार से शान्तिपूर्वक झण्डा फहराने का निवेदन किया, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। थानेदार ने आन्दोलनकारीयों को चेतावनी देते हुए कहा कि झण्डा फहराने की जो जुर्रत करेगा उसे गोलियों से भून दिया जायेगा। इतना सुनना था कि कामता प्रसाद विद्यार्थी ने लोगों को ललकारते हुए कहा कि ‘आगे बढ़ो और तिरंगा फहराओ, आने वाले दिनों में नायक वही होगा जो झण्डा फहरायेगा। इसके बाद वे स्वयं तिरंगा लेकर अपने साथियों के साथ थाना भवन की तरफ बढ़े।
कामता प्रसाद विद्यार्थी के साथ रघुनाथ सिंह, हीरा सिंह, महंगू सिंह, रामाधार कुम्हार, हरिनराय अग्रहरी, राम प्रसाद मल्लाह व शिवमंगल यादव आदि थें। ज्यों ही ये लोग लोहे की सलाखेदार गेट कूद कर थाने में प्रवेश किया त्यों ही थानेदार ने सिपाहीयों को आदेश दिया फायर और वह पिस्तौल से हमला बोल दिया। गोली विद्यार्थी जी के बगल से होती हुयी रघुनाथ सिंह को जा लगी। पलक झपकते ही विद्यार्थी जी ने झण्डा फहरा दिया। बन्दूकें गरज रहीं थीं तथा गोलियां भारत मां के वीर सपूतों के सीनों को चीरती हुयी निकल रहीं थीं जिससे कि सीताराम कोईरी, रामा सिंह, विश्वनाथ कलवार, सत्यनारायण सिंह आदि गम्भीर रूप से घायल हुये तथा हीरा सिंह व रघुनाथ सिंह मौके पर ही शहीद हो गयें।
अब तक की घटना जनता मूक दर्शक बनकर देख रही थी मगर भारत माता के वीर सपूतों को तड़पता देख जनता उग्र हो गयी। राजनारायण सिंह का आदेश पाकर हरिनारायण अग्रहरी ने चालुकता पूर्वक थानेदार को पीछे से बाहों में जकड़ लिया तथा पास ही खड़े शिवमंगल यादव ने थानेदार के सिर पर लाठी का भरपुर वार किया, जिससे कि तिलमिलाया थानेदार अपने आवास की तरफ भागा मगर आजादी के मतवालेपन में उग्र जनता ने उसे वहीं धराशायी कर दिया। अब तो आन्दोलन अहिंसक हो चुका था उसकी धधकती ज्वाला में दो हेड कांस्टेबुल और एक कांस्टेबिल को मौत के घाट उतार दिया। बाकी सिपाही व चैकीदार स्थानीय होने की वजह से भागने में कामयाब हुये।
इस विनाशलीला के बाद उग्र क्रान्तिकारीयों ने सभी सरकारी कागजातों और सामानों व टेबुल कुर्सीयों को इकठ्ठा कर थानेदार व तीन सिपाहियों की लाशों को उसी में रखकर जला दिया। इसके बाद आजादी के मतवालों का जूलूस काली हाउस व पोस्ट आफिस पर भी तिरंगा फहरा दिया। तकरीबन रात आठ बजे क्रान्तिकारीयों ने अधजली लाशों को बोरे में भर कर गंगा की उफनती धाराओं में प्रवाहित कर दिया। बरसात की काली रात में गम्भीर रूप से घायल महंगू सिंह को इलाज के वास्ते पालकी पर बिठा कर कामता प्रसाद विद्यार्थी व अन्य लोगों ने 13 किमी0 दूर सकलडीहां स्थित डिस्पेंसरी पहुंचे मगर गम्भीर रूप से घायल भारत माता के वीर सपूत महंगू सिंह ने दम तोड़ दिया। 17 व 18 अगस्त तक धानापुर समेत पूरी महाईच की जनता ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से आजाद थी। 17 अगस्त तक इस महान काण्ड की चर्चा प्रदेश व देश में गूंज उठा। 18 अगस्त को डी.आई.जी. का दौरा हुआ चूंकि मौसम बारिश का था तो सैनिकों को पहुंचने में देरी हुयी। सैनिकों को पहुंचते ही पूरे महाईच में कोहराम मच गया। रात के वक्त छापों का दौर शुरू हुआ। लोगों को पकड़ कर धानापुर लाया जाता तथा बनारस के लिए चालान कर दिया जाता। इस तरह तीन सौ लोागें का चालान किय गया और उन्हे बुरी तरह प्रताडि़त किय गया। धानापुर थाना कांड के ठीक नौ दिन बाद 25 अगस्त सन् 1942 को पुनः थाना नग्गू साहू के मकान में अस्थायी रूप से स्थापित किया गया। इस बीच जले हुये थाना परिसर की मरम्मत करा कर 06 सितम्बर सन् 1942 को पुनः थाना अपने स्थान पर स्थापित हुआ।


16 अगस्त सन् 1942 का धानापुर थाना कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बड़े कांडों में से है मगर शाब्दिक गलती धानापुर के स्थान पर चानापुर की वजह से इतिहास में अपना स्थान नहीं दर्ज कर पायी जिससे कि यह प्रसिद्ध न हो पाया। लेकिन राष्ट्र के नाम पर कुर्बान होने वालों को लोग हमेशा याद रखते हैं। इसीलिए हर साल 16 अगस्त को इन शहीदों की मजारों पर मेला लगता है और इन्हे श्रद्धांजली अर्पित की जाती है। किसी शायर ने क्या खूब कहा है कि –
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मरने वालों का यहीं बाकी निशां होगा।

जालसाजों के चंगुल में फंस रहे बेरोजगार

चन्दौली। बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा नौकरी पाने के चक्कर में जालसाजों के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को रामनगर थाना पहुंचा। खुद को क्राइम ब्रांच का निरीक्षक बताकर चंदौली के शिकारगंज निवासी एक व्यक्ति ने नगर के रामपुर निवासी बेरोजगार अनिल कुमार को अपना शिकार बनाया। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उसने 10.50 लाख रुपये ऐंठ लिए। काफी समय बाद जब नौकरी नहीं मिली तो युवक ने रुपये वापस मांगे। इस पर उसे गलत तरीके से फंसाने की धमकी दी जाने लगी। भुक्तभोगी ने पुलिस को मामले में तहरीर दी है। थाना प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश राय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक धनंजय से अनिल का परिचय शिकारगंज निवासी आनंद कुमार के माध्यम से हुआ। शिकारगंज निवासी आनंद कुमार से अनिल का परिचय वार्ड निवासी मित्र विजय ने कराया था। आनंद ने अनिल की नौकरी लगवाने के लिए अपनी बहन अनीता व बिहार निवासी उसके पति धनंजय से मुलाकात करायी। धनंजय ने अपने आप को चंदौली पुलिस में क्राइम ब्रांच का निरीक्षक बताकर अनिल की नौकरी रेलवे में लगाने की बात कही थी। उसने अनिल से नौकरी लगवाने के नाम पर कई किस्तों में 10.50 लाख रुपये ले लिए। अनिल ने बताया कि रुपये मांगने पर जहां धनंजय जान से मारने की बात कहता है, वहीं उसकी पत्नी अनिता झूठे केस में फंसाने की धमकी देती है।

शहीदों व महापुरुषों की बदौलत मिली है हमें आजादी: डॉ वीरेंद्र बिंद

चंदौली। जन सहायता हास्पिटल कटरीया व रामनगर की ऐतिहासिक शहीद स्मारक पार्क में स्वतंत्रता दिवस पर रविवार को सपा पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र बिंद ध्वजारोहण किया गया। इसके अलावा जनपद के कई स्थानों पर ध्वजारोहण व अन्य कार्यक्रमों का भी शुभारंभ किया। वही कटारिया और रामनगर में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर कलाकारों ने देश के महान विभूतियों के योगदान की गाथा प्रस्तुत किया। वहीं ग्राम सभा सिकंदरपुर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बालिबाल प्रतीयोगीता का फिता काटकर शुभारंभ किया। विधानसभा सैयदराजा ग्रामसभा जमुर्ना के परशुराम शिक्षण संस्थान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और दौड़, कबड्डी, समान्य ज्ञान का प्रतियोगिता के आयोजन में प्रथम, द्वितीय, तृतीय विजेताओं को पुरस्कृत देकर सम्मानित किया। इस दौरान
समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र केंद्र ने कहा कि आजादी हमारे महापुरुषों व शहीदों की बदौलत मिली है। उन्हीं के बदौलत आज हम आजादी का जश्न मना रहे हैं।ऐसे में हम सभी को उनके गाथाओं को याद रखने की जरूरत है।
इस दौरान जोखु सिद्दीकी, केसव राजभर,कृपा शंकर यादव ,धनंजय साहनी, आनंद यादव ,राज सिंह चौहान, दीपक मौर्य, श्यामजी, दिनेश साहनी ,अमित पटेल, आनंद कश्यप, गोविंद ,जय देव चौहान,
अजय चौधरी, अरविंद यादव, राजू बिन्द, रवि बिन्द, सौरभ बिन्द नंदन मौजूद रहे।

भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित हुए सैयदराजा थानाध्यक्ष


चंदौली – 75 वीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में झंडारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान ऐसे पुलिसकर्मी जो अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाते हैं और सहकर्मियों के लिए नजीर बनते हैं. विभाग के ऐसे ही कुछ कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा पदक , अति उत्कृष्ट सेवा पदक , सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. जिसे महकमे के अधिकारियों ने पुलिस लाइन में सबको सम्मानित किया.इस दौरान सैयदराजा के प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत, सदर कोतवाल अशोक मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को अतिउत्कृष्ठ पदक से सम्मानित किया.

बता दें सैयदराजा निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री अतिउत्कृष्ट कुंभ मेला मेडल समेत डीजीपी व अन्य कई पुलिस पदक मिल चुका है

गांव में भी गूंजा जन गण मन अधिनायक जय


चंदौली। जन सहयोग संस्थान ट्रस्ट की ओर से स्वतंत्रता दिवस की 75 वी वर्षगांठ के शुभ अवसर पर ग्राम भदलपुरा में बच्चों के बीच राष्ट्रगान कोविड 19 का पालन करते हुए उनके बीच किया गया। जहां स्वतंत्र दिवस की धूम रही और लोग एक दूसरे को बधाई देते नजर आए। वही नगर स्थित सड़क किनारे रहने वाले गरीब परिवार में मिष्ठान का वितरण कर आजादी का उत्सव मनाया गया। वक्ताओं ने कहा कि आजादी हमें बड़ी शिद्दत और शहीदों की शहादत से मिली। आज का दिन हम सभी के लिए गौरव का दिन है।इस दौरान संस्थान के अध्यक्ष अजीत कुमार सोनी,सचिव प्रियंका व सदस्य प्रेम मौर्य,अंकित सिंह,दीपक मौर्य,रमेश मौर्य उपस्थित थे ।

चंदौली पुलिस ने नगर में किया पैदल गस्त आगामी त्योहारों पर मांगा सहयोग

चंदौली। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर आगामी त्यौहार रक्षाबंधन और मोहर्रम को को देखते हुए सदर कोतवाली पुलिस ने नगर में को पैदल गश्त किया। पुलिस को देखते ही आधा शटर खोलकर दुकानदारी कर रहे दुकानदारों में हड़कंप मच गया वही पुलिस ने व्यापारियों व आम नागरिकों से संवाद कर उनको परेशानियों के बाबत जानकारी ली।
इस दौरान एसआई विवेक त्रिपाठी ने कहा कि आगामी त्यौहार रक्षाबंधन और मोहर्रम को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रहे हैं सभी व्यापारी अपने दुकान के सामने सीसी टीवी कैमरा लगा ले ताकि की कोई घटना ना घटे पुलिस आप लोगो के सेवा में हमेशा तत्पर है यही कही कोई सूचना मिलता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने कहा की । घर से बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें और किसी भी व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाए रखें, ताकि संक्रमण फैलने की आशंका न रहे। पुलिस द्वारा दी जा रही जानकारी व हिदायतों को आत्मसात करें। इस दौरान पुलिस दल ने पुरानी बाजार होते हुए पूरे नगर का भ्रमण किया और चैराहों पर दो पहिया व चार पहिया वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया।

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